श्री रामचरित मानस से होता है चरित्र का निर्माण :अजय शास्त्री

महंत बाबा लालता दास जी महाराज के सानिध्य मैं हो रहे सम्मेलन का प्रथम दिन

हैदरगढ़ बाराबंकी। श्रीरामचरितमानस चरित्र एवं नैतिक मूल्यों का वह दर्पण है। जो किसी भी व्यक्ति के जीवन को उत्कृष्ट बना सकता है।वास्तव में श्रीरामचरितमानस चरित्र निर्माण की मार्गदर्शक है। उक्त बात महंत 108 बाबा लालता दास जी महाराज के द्वारा संयोजित श्री रामचरितमानस सम्मेलन में प्रथम दिन मानस मर्मज्ञ पंडित अजय शास्त्री ने ब्रह्मलीन बाबा प्रेमदास जी की कुटी पर बोलते हुए कही। जबकि इस दौरान सैकड़ो भक्तों ने महंत लालता दास जी महाराज का आशीर्वाद लिया।

श्री शास्त्री ने बताया कि जब बाबा तुलसीदास जी ने इस महान ग्रंथ की रचना की तो उस समय कई विद्वानों के विचार आए कि इस ग्रंथ का नाम श्री राम कथा मानस रखा जाए। लेकिन बाबा तुलसीदास जी ने कहा कि आने वाले समय में कथा की कम, मानव समाज को श्री राम जी के चरित्र की ज्यादा आवश्यकता होगी। स्पष्ट है कि बाबा जी का यह कथन आज एकदम सत्य साबित हो रहा है। श्री रामचरितमानस हमें चरित्र निर्माण की दिशा प्रदान करती है ।मानव सम्मेलन में युवा हरिओम तिवारी ने कहा कि श्री रामचरितमानस सम्मेलन आज के परिवेश में हमें संस्कार एवं मर्यादा की शिक्षा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा आवश्यकता इस बात की है कि हम मानस में बताई गई तमाम बातों का अपने जीवन में आत्मसात करें। इस दौरान पंडित सुजीत कुमार तिवारी ने भी श्री रामचरितमानस पर चर्चा की। जबकि उनके द्वारा गाए गए भजनों को सुनकर के मानस सम्मेलन में आए भक्तजन भाव विभोर हो गए।

उधर दूसरी ओर आज मानस सम्मेलन के यज्ञ मंडप में योग्य विद्वानों के द्वारा मंत्रोच्चारण के बीच अग्नि प्रज्वलित की गई। यज्ञशाला में इसी के साथ अन्य वैदिक अनुयाज संस्कार प्रारंभ हो गए। इस अवसर पर प्रमुख रूप से उत्तराधिकारी महंत अखिलेश्वर जी महाराज, जितेन्द्र कुमार,पंडित अभय त्रिपाठी, बाबा राम तीरथ दास जी महाराज, सालिग राम जी, पन्ना लाल जी , सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया,महेंद्र कुमार मिश्रा, सच्चिदानंद महाराज, श्याम सुंदर मिश्रा, गिरिजा शर्मा, अंबिकेश सिंह, शुभम कुमार वैश्य, विष्णु भाई, रोहित कुमार, मोती बाबा, अंकित त्रिवेदी, रामनरेश वैश्य, रवि पाठक, अमर सिंह, भूमेश्वर जी, जगन्नाथ मिश्रा, कमल तिवारी, अंकित यादव सहित सैकड़ो भक्तजन उपस्थित थे।

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