नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के दिग्गज नेता नितिन गडकरी आज यानी बुधवार को नागपुर लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल करने वाले हैं। इससे पहले गडकरी ने एक जनसभा को संबोधित किया।
भाजपा ने लगातार तीसरी पर नागपुर सीट से नितिन गडकरी को मैदान में उतारा है। इससे पहले, वह 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के टिकट से सांसद चुने गए थे।
बता दें कि साल 2014 में नितिन गडकरी ने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था। इससे पहले वह साल 1989 से 2009 के बीच लगातार 20 वर्षों तक विधान परिषद के सदस्य थे। वहीं 2009 में उन्हें बीजेपी संसदीय बोर्ड ने पार्टी का नया अध्यक्ष चुना था।
गडकरी के नागपुर से सांसद बनने से पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी। आरएसएस का मुख्यालय यहां होने के बावजूद 2014 से पहले भाजपा केवल एक ही बार नागपुर लोकसभा सीट जीत सकी थी। साल 1996 में भाजपा के टिकट पर बनवारी लाल ने यहां से चुनाव जीता था। इसके अलावा अधिकतर मौकों पर नागपुर में कांग्रेस का ही कब्जा रहा था।
आसान नहीं था नागपुर में मुकाबला
साल 2014 की बात करें तो उस वक्त जब गडकरी को नागपुर लोकसभा से टिकट दिया गया था, तब उनके लिए परिस्थितियां इतनी अनूकूल नहीं थीं। उनका मुकाबला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विलास मुत्तेमवार से था, जोकि 1998, 1999, 2004 और 2009 में लगातार चार बार कांग्रेस के टिकट से नागपुर से सांसद चुने गए थे। लेकिन नितिन गडकरी ने अपने पहले ही लोकसभा चुनाव में न सिर्फ कांग्रेस के इस किले को ध्वस्त किया, बल्कि एक बड़े अंतर से जीत हासिल की।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के विलास मुत्तेमवार ने 3,02,939 हासिल किए। वहीं नितिन गडकरी ने 5,87,767 वोट प्राप्त किए। यानी कि गडकरी ने 2.5 लाख से भी अधिक वोटों सेे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विलास मुत्तेमवार को मात दी थी।
2019 में भी जारी रखा विजय रथ
इसके बाद साल 2019 में भाजपा ने नागपुर लोकसभा सीट से दोबारा नितिन गडकरी चुनावी मैदान में उतारा। उनके खिलाफ कांग्रेस ने नाना पटोले को उम्मीदवार बनाया। गडकरी का करिश्मा चला और भाजपा ने एक बार फिर यहां पर जीत का झंडा लहराया। इस चुनाव में भी गडकरी ने 2 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की। जहां नितिन गडकरी ने 6,60,221 वोट पाए। वहीं, नाना पटोले 4,44,212 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे।
हालांकि, 2024 में अटकलें थीं कि बीजेपी गडकरी के बजाय किसी और को नागपुर से टिकट दे सकती है, लेकिन यह कोरी अफवाह साबित हुई। कांग्रेस के गढ़ में भाजपा का प्रभुत्व स्थापित करने वाले गडकरी को बीजेपी ने एक बार फिर से नागपुर से उम्मीदवार बनाया है। अब देखना होगा कि क्या गडकरी यहां से जीत की हैट्रिक लगाएंगे या फिर कांग्रेस दोबारा वापसी करेगी।