एसडीएम ने संचालक वीरेंद्र प्रताप गिरी को लगाई फटकार
बलिया। सागरपाली स्थित श्री बालदेव एग्रो इंडस्ट्रीज में गुरुवार की सुबह उस समय अफरा—तफरी मच गई, जब एकाएक सदर एसडीएम आत्रेय मिश्र, जिला पूर्ति अधिकारी व फेफना थाने की पुलिस टीम पहुंच कर छापेमारी की। दरअसल किसी ने जिला प्रशासन को यहां गेहूं की कालाबाजारी की सूचना दी और कहा कि एक ट्रक गेहूं आया है। इस पर सारे अधिकारी जा धमके। इस दौरान एसडीएम ने श्री बालदेव एग्रो इंडस्ट्रीज के संचालक वीरेंद्र प्रताप गिरी को जमकर फटकार लगाई। वहीं एसडीएम ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट बता पाएंगे।
हमेशा विवादों में घिरे रहने वाला सागरपाली स्थित श्री बालदेव एग्रो इंडस्ट्रीज में गुरुवार को वही हुआ, जिसकी अपेक्षा संचालक ने शायद नहीं की थी। जैसे ही एक ट्रक गेहूं इंडस्ट्रीज के गोदाम में पहुंचा, किसी ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दे दी। इसके बाद पहले फेफना थाने की पुलिस, फिर एसडीएम इसके बाद जिला पूर्ति अधिकारी मौके पर पहुंचकर छानबीन शुरू कर दी। इस दौरान एसडीएम आत्रेय मिश्र ने संचालक वीरेंद्र प्रताप गिरी को फटकार लगाते हुए कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, यदि एक भी बोरी गेहूं ट्रक से उतरा तो तुम्हारी खैर नहीं। इस दौरान संचालक वीरेंद्र प्रताप गिरी के चेहरे से हवाइयां उड़ने लगी थी और अधिकारियों के सामने मानो उनका काठ मार दिया था। वहीं संचालक वीरेंद्र प्रताप गिरी भी अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाते नजर आए कि साहब यह गेहूं मैंने मऊ एफसीआई गोदाम से खरीदा है, जिसकी कागजात मेरे पास है। इस पर अधिकारियों ने कहा कि पहले जांच पूरी होगी, इसके बाद ही आप कुछ कर सकते हैं। इस दौरान सुबह से दोपहर तीन बजे तक श्री बालदेव एग्रो इंडस्ट्रीज में गहमा—गहमी की स्थिति रही। इस बाबत सदर एसडीएम आत्रेय मिश्र ने बताया कि मुझे सूचना मिली कि सागरपाली स्थित श्री बालदेव एग्रो इंडस्ट्रीज में सरकारी खाद्यान्न पकड़ा गया है। जिस पर मैं जब जांच करने आया तो पता चला कि वास्तव में खाद्यान्न सरकारी है। लेकिन संचालक का कहना है उन्होंने खाद्यान्न मऊ एफसीआई गोदाम से खरीदा है। क्या सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा।
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गड़बड़ी से पुराना नाता है श्री बालदेव एग्रो इंडस्ट्रीज का
बलिया। सागरपाली स्थित श्री बालदेव एग्रो इंडस्ट्रीज का गड़बड़ियों से पुराना नाता है। इसके पहले भी 17 फरवरी 2019 की शाम तत्कालीन सदर एसडीएम अश्विनी श्रीवास्तव के निर्देश पर तहसीलदार गुलाबचंद्रा के नेतृत्व में टीम ने छापेमारी की थी। उस समय भी जिला विपणन अधिकारी नरेंद्र तिवारी व मंडी सचिव शशि प्रकाश मौजूद रहे। कई घंटों चली जांच पड़ताल के बाद उस समय गोदाम को सीज कर दिया गया था। इसके बाद जांच की फाइल शायद पताल में चली गई और फिर से यहां कोराबार शुरू हो गया।