शिवानी की पहल रंग लाई, अपने घर को बनाया गौरैया का ‘घोंसला’

ग्रीन गैंग और आंखें फाउंडेशन ने छात्रा शिवानी वर्मा को किया सम्मानित

बाराबंकी। गौरैया… इसकी चहचहाहट से हमारे आंगन की उदासी कम होती है। सुबह आंख खुलने पर कानों में सुनाई पड़ती गौरैया की चहक। बरसात में घर के आंगन में एकत्र पानी में किलोल करता गौरैया का झुंड। रसोई की खिड़की पर लटकते हुए अंदर की तरफ झांकती गौरैया। ये सब मन को प्रफुल्लित कर देते हैं। हमारे आसपास ये माहौल बना रहे, इसके लिए बहुत तामझाम नहीं बल्कि नन्ही गौरैया की तरह नन्हे प्रयासों की जरूरत है।

शहर में कई युवा ऐसे हैं, जिनके प्रयास गौरैया को संरक्षित करने के साथ समाज के लिए मिसाल का काम कर रहे हैं। मोहल्ला रसूलपुर निवासी शिवानी वर्मा के घर में गौरैया का संसार बसता है। कई तरह के घोंसले, कटोरे में पक्षियों के लिए दाना, पानी रखे रहते हैं। घायल पक्षियों की देखरेख और उन्हें संरक्षण देने के लिए घर में बाड़ा भी तैयार किया है। वह कहती हैं गौरैया के संरक्षण के लिए हम सभी अपने स्तर से छोटे-छोटे प्रयास कर सकते हैं। बुधवार को विश्व गौरैया दिवस पर शिवानी वर्मा के इस भागीरथी प्रयास के लिए ग्रीन गैंग आँखें फाउंडेशन द्वारा उन्हें अंगवस्त्र, गमला, पौध व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

बताते चलें कि शिवानी के घर पर सैकड़ों गौरैया आती जाती व रहती हैं। यह कई वर्ष लगातार छत और आँगन में दाना पानी रखते रहने का परिणाम है कि आज शिवानी के घर पर सैकड़ो गौरैया चहचहाती हैं। शिवानी आजकल मोहनलाल डिग्री कालेज की राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविर में शामिल हैं। बुधवार को ग्रीन गैंग के संस्थापक प्रदीप सारंग, आँखे फाउंडेशन के अध्यक्ष सदानन्द वर्मा, ग्रीन गैंग अध्यक्ष रजत बहादुर वर्मा रमेश रावत ने शिविर पहुँचकर स्वयं सेविका शिवानी वर्मा को सम्मानित किया। उपस्थित स्वयं सेवकों ने ग्रीन गैंग के संकल्प “पेड़ लगाएंगे, पेड़ लगवाएंगे, पेड़ बचाएंगे” को दुहराते हुए संकल्प लिया। इस अवसर पर डॉ पंकज पटवा, कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना, डॉ नीरज वर्मा, प्रवक्ता रूपेश साहू, नितेश वर्मा, राम गोपाल वर्मा की विशेष उपस्थिति रही।

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