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मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार ने अपने नेतृत्व वाले पार्टी के गुट के चुनाव चिह्न – ‘तुरहा (पारंपरिक तुरही) बजाते हुए आदमी’ का शनिवार को अनावरण किया और इसे लोगों के कल्याण के लिए एक नया संघर्ष शुरू करने और उनके उत्थान के वास्ते काम करने वाली सरकार बनाने के लिए प्रेरणा बताया।
अजित पवार और आठ अन्य विधायकों के पिछले वर्ष जुलाई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो जाने के बाद शरद पवार नीत राकांपा विभाजित हो गई थी। बाद में निर्वाचन आयोग ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को असल राकांपा घोषित किया था और उसे पार्टी का चिह्न ‘घड़ी’आवंटित किया था। आयोग ने बृहस्पतिवार को राकांपा- शरदचंद्र पवार को ‘तुरहा बजाता हुआ व्यक्ति’ पार्टी चिह्न के रूप में आवंटित किया।
शरद पवार ने चुनाव चिह्न का अनावरण करने के बाद रायगढ़ किले में कहा कि यह तुरही उन लोगों के लिए खुशी लाएगी जो बढ़ती मुद्रास्फीति और बेरोजगारी के कारण संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “लोगों की सरकार स्थापित करने के लिए हमें संघर्ष करने की जरूरत है और इसलिए हमें तुरही चुनाव चिह्न को मजबूत करना होगा। यह लोगों के कल्याण के वास्ते नया संघर्ष शुरू करने और उनके उत्थान का काम करने वाली सरकार के लिए प्रेरणा है।’’
पवार (83) ने आम आदमी के कल्याण और प्रगति के लिए काम करने वाली सरकार लाने के वास्ते अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं का सहयोग मांगा। राकांपा के शरद पवार नीति गुट की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने कहा कि तुरही बहादुरी, जीत और संघर्ष की प्रेरणा का प्रतीक है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम उस किले से छत्रपति शिवाजी महाराज का आशीर्वाद मांग रहे हैं जहां उनका राज्याभिषेक हुआ था, जहां उन्होंने अपने जीवन के आखिरी साल बिताए थे और जहां उनकी समाधि स्थित है।’’