नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर केंद्र की अधिसूचना के बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर रुख अपनाए हैं। दूसरी तरफ सरकार का साफ कहना है कि कोई कुछ भी कर ले, ये कानून वापस नहीं होने वाला है।
मुसलमान भी कर सकते हैं आवेदन
वहीं, आज एक साक्षात्कार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए में मुसलमानों को शामिल न करने की भी वजह बताई। हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि वे अभी भी भारतीय नागरिकता चाहते हैं, तो वे संवैधानिक तरीकों से इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
सीएए में शामिल न करने की बताई वजह
शाह ने कहा कि सीएए में मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश इस्लामी राज्य हैं। फिर वहां मुसलमान धार्मिक अल्पसंख्यक कैसे हो सकते हैं?
ममता पर साधा निशाना
सीएए को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बयान पर शाह ने पलटवार किया है। दरअसल, ममता ने कहा था कि वो अपने राज्य में सीएए लागू नहीं होने देंगी। इस पर शाह ने कहा कि विपक्ष को भी मालूम है कि INDI एलायंस सत्ता में नहीं आने वाला है। CAA के कानून को प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार लाई है, इसे रद्द करना असंभव है।
शाह ने कहा कि नागरिकता केंद्र का मुद्दा है और सीएए को कोई राज्य सरकार रद्द नहीं कर सकती। इसलिए ये सभी विपक्षी लोग सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं।
आदिवासी क्षेत्रों के अधिकार नहीं होंगे कमजोर
गृह मंत्री ने आगे कहा कि CAA आदिवासी क्षेत्रों की संरचना और अधिकारों को कमजोर नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि हमने अधिनियम में ही प्रावधान किए हैं कि जहां भी Inner Line Permit है और जो भी क्षेत्र छठी अनुसूची क्षेत्रों में शामिल हैं, वहां CAA लागू नहीं होगा।