राजस्थान विधानसभा चुनाव के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित परीक्षा पत्र लीक मामले की धन शोधन जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर और सीकर स्थित परिसरों पर छापे मारे तथा विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे को तलब किया है। इसको लेकर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस भाजपा और केंद्र सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस पर अब भाजपा की ओर से पलटवार किया गया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान की अशोक गहलोत ने भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड तोड़ते हुए नए बेंचमार्क बना दिए हैं। राजस्थान के लाखों युवाओं के भविष्य को अंधकारमय बनाते हुए वहां लगातार पेपर लीक हुए।
भाजपा नेता ने दावा किया कि राजस्थान में 19 बार पेपर लीक हुए, जिससे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित हुए राज्य के 70 लाख युवाओं का भविष्य न केवल अंधकारमय हुआ अपितु सरकार द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से भर्ती की व्यवस्था से भी प्रदेश के लोगों का विश्वास समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि पहले पेपर लीक की घटना से लेकर 19वें पेपर लीक तक लगातार गहलोत सरकार इसपर लीपापोती करते रहे। प्रारंभ के पेपर लीक के समय अशोक गहलोत जी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि इस तरह की घटनाएं होना सामान्य बात है और अन्य प्रदेशों में भी इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि बाद में उन्होंने कहा कि हम इसकी जांच करवाएंगे। लेकिन ये पेपर लीक का क्रम न थमने पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई भी अधिकारी और कर्मचारी लिप्त नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि पेपर लीक की हर घटना के बाद वो हर अधिकारी, कर्मचारी और राजनेताओं को क्लीनचिट देते रहे। उन्होंने कहा कि पेपर लीक के इस प्रकरण में ED की जांच के बाद इसके सरगना की गिरफ्तारी हुई और सरगना की गिरफ्तारी के बाद जो साक्ष्य मिले, उनके चलते ED ने जो हालिया कार्रवाई की, उसके कारण आज गहलोत सरकार बैकफुट पर है और बौखलाई हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रचंड आंदोलन और मीडिया के दबाव में आकर गहलोत सरकार को कुछ कार्रवाई करनी पड़ी। जिसके बाद RPSC के एक सदस्य जेल गए और कांग्रेस सरकार द्वारा मंत्री का दर्जा प्राप्त एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया।