सर्विलांस व थाना असंद्रा ने अजय शुक्ला हत्याकांड का किया खुलासा

  • पत्नी के अवैध संबंधों के चलते हुई अजय की हत्या

बाराबंकी। जिले की सर्विलांस व थाना असंद्रा की संयुक्त पुलिस टीम ने शुक्रवार को अजय शुक्ला हत्याकांड का खुलासा कर दिया। पुलिस के मुताबिक अजय की हत्या उसकी पत्नी व उसके आशिक ने मिलकर की थी। जिनसे पुलिस ने आलाकत्ल बरामद कर लिया है। जिसके संबंध में शुक्रवार को पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए डा.अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि बीती 17 दिसंबर को थाना असंद्रा के बल्लूपुर मजरे सुपामऊ निवासी संतोष कुमारी पत्नी अजय कुमार शुक्ला ने पुलिस को सूचना देकर बताया कि उसका पति अजय मोटरसाइकिल से मस्तान बाबा की कुटी पर जाने के लिए निकला था।जोकि देर रात होने पर घर वापस नहीं लौटा है। पुलिस ने पत्नी की सूचना पर तत्काल मामले में गुमशुदगी दर्ज कर अजय शुक्ला की तलाश तेज कर दी। जिसके बाद 19 दिसंबर को थाना रामसनेहीघाट क्षेत्र के प्रतापपुरवा के पास जंगल में अजय कुमार शुक्ला का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। पत्नी ने शव मिलने के बाद पुलिस को शिकायती पत्र देकर राजकुमार पुत्र रामसागर रावत, बाबा सोनी पुत्र शिवनारायण, प्रदीप पुत्र अज्ञात निवासी ग्राम नबीपुर थाना हैदरगढ़, माता बदल पुत्र राममिलन निवासी गनी का पुरवा मजरा गजपतिपुर व महेश पुत्र अज्ञात निवासी भूरेपुर थाना रामसनेहीघाट के विरुद्ध शक के आधार पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। मामले में पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने घटना के खुलासे के लिए संबंधित टीमों का गठन कर समुचित दिशा-निर्देश दिए।

जिसमें सर्विलांस व थाना असंद्रा की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को हत्या का सफल अनावरण करते हुए आरोपी पत्नी संतोष कुमारी व उसके आशिक नीरज कुमार विश्वकर्मा पुत्र हरिश्चंद्र निवासी मोहम्मदपुर को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही पुलिस टीम ने अजय की हत्या में उपयोग आया आलाकत्ल चाकू भी बरामद किया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपी नीरज ने बताया कि उसकी देवीगंज चौराहे पर घड़ी व चश्मे की दुकान है। जहां पर लगभग 6 वर्ष पहले अजय शुक्ला की पत्नी संतोष कुमारी खरीदारी करने के लिए आई थी। इसी बीच दोनों के एक दूसरे से संपर्क हो गए और फोन के माध्यम से बातचीत होने लगी। फिर नीरज ने संतोष कुमारी से मिलने व घर आने के लिए मृतक अजय शुक्ला से दोस्ती कर ली। अजय शुक्ला नशे का आदी था और उसे पर लगभग 15 लख रुपए का कर्ज था। वह जमीन बेचकर प्राप्त किए गए रूपों को नशे आदमी खर्च कर देता था। इधर नीरज भी विवाहित था और उसके भी बच्चे है। नीरज अजय की आर्थिक व जमीनी विवादों में मदद करता था। इन सभी के बहाने वह अजय की पत्नी से मिलने के लिए चोरी चुपके उसके घर आता जाता था। नीरज और संतोष कुमारी के अवैध संबंधों के संबंध में मृतक अजय शुक्ला व उसके बच्चों को पता चल गया। इसके बाद आए दिन घर में विवाद होने लगा। अजय शुक्ला के जमीन बेचने और दोनों के अवैध संबंधों को रोकने पर नीरज और संतोष कुमारी ने अजय को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। जिसके लिए उन्होंने योजना बनाकर कार्य किया।

जिसमें नीरज ने संतोष कुमारी को बताया कि इस समय अजय तुम मुझसे नाराज चल रहा है। और गड़े धन को खोदने के लालच में आ चुका है। फिर दोनों ने 9 तारीख को अजय शुक्ला की हत्या करने की योजना बनाई लेकिन अजय शुक्ला सुनिश्चित स्थान पर नहीं आया जिससे योजना असफल हो गई। दोनों ने फिर योजना बनाई और 17 दिसंबर को गड़ा धन खोदने की बात कह कर नीरज विश्वकर्मा ने फोन से अजय को देवीगंज चौराहे पर बुलाया। इधर पत्नी ने बहाने से अजय शुक्ला का मोबाइल घर पर ही रखवा लिया। जिससे उसकी लोकेशन का पता ना चल सके। फिर नीरज विश्वकर्मा और अजय शुक्ला अपनी अपनी मोटरसाइकिल से देवीगंज चौराहा से निकले। रास्ते में नीरज विश्वकर्मा ने अपनी मोटरसाइकिल पेट्रोल पंप के पास खड़ी कर दी। फिर नीरज अजय की मोटरसाइकिल पर बैठकर थाना रामसनेहीघाट के प्रतापपुरवा के पास जंगल में ले जाया गया। जहां नीरज ने अजय के सिर पर हेलमेट से हमला बोलकर उसे जमीन पर गिरा दिया और चाकू से गोद कर उसकी निर्मम हत्या कर दी। मामले में पुलिस द्वारा गहनता से की गई जांच में अजय की पत्नी संतोष द्वारा उपरोक्त लिखाए गए मुकदमे में नामजद किए गए अजय शुक्ला के जमीनी व पैसों के लेनदेन में शामिल रहे लोग है।

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