बहराइच। बच्चों की उखड़ती सांस और महंगा इलाज अब गरीब मरीजों को नहीं झेलनी पड़ेगी। इसके लिए मेडिकल कालेज के पीआईसीयू में एबीजी (आर्टेरिअर ब्लड गैस एनालिसिस) मशीन लगाई गई है। इससे गंभीर मरीजों को न सिर्फ बेहतर इलाज मिल सकेगा, बल्कि ब्लड जांच के लिए पैसे भी नहीं खर्च करने पड़ेंगे। पहले जांच रिपोर्ट मिलने तक इलाज में बाधा आती थी, लेकिन अब मिनटों में जांच रिपोर्ट आते ही तत्काल इलाज शुरू हो जाएगा। वहीं अभिभावकों को बार-बार लैब के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
महाराजा सुहेलदेव स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एवं महर्षि बालार्क चिकित्सालय में प्रतिदिन जिले के अलावा गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती तथा पड़ोसी देश नेपाल के भी मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन लगभग 2000 मरीजों की ओपीडी होती है। इसमें लगभग 200 बच्चे भी होते हैं। लगभग 10 बच्चों को भर्ती भी करना पड़ता है।
सटीक इलाज व बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर खून की जांच कराकर इलाज शुरू करते हैं। कभी-कभी जांच रिपोर्ट आने तक देरी के अभाव में बच्चों की हालत और गंभीर हो जाती है। अत्यधिक गंभीर हालत होने पर सुबह और शाम दो बार रक्त की जांच कराने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में पैसे के अभाव में गरीब मरीज इलाज कराने में असमर्थ हो जाते हैं। मेडिकल काॅलेज में अब पीआईसीयू में भर्ती बच्चों की जांच करने के लिए एबीजी मशीन लगाई गई है। यहां मुफ्त में बच्चों की जांच की जाएगी। जबकि निजी अस्पतालों में इसके लिए 1400 से 1500 रुपये खर्च करने पड़ते हैं।
मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके सिंह ने बताया कि एबीजी की जांच और पल्स ऑक्सीमेट्री दोनों से खून में ऑक्सीजन की मात्रा का पता चलता है। इन जांचों से यह पता लगाने में मदद मिलती है कि फेफड़े ठीक तरह से काम कर रहे हैं या नहीं। उन्होंने बताया कि पीआईसीयू वार्ड में भर्ती बच्चों की जांच मिनटों में हो जाएगी। लैब में सैंपल ले जाने तक कभी-कभी सैंपल खराब होने की आशंका रहती है। रिपोर्ट देर से मिलने पर इलाज में समस्या होती थी, लेकिन यह सभी समस्या दूर हो गई। अब लैब में सैंपल ले जाने की जरूरत नहीं है।
निशुल्क होगी जांच
पीआईसीयू वार्ड में एबीजी मशीन स्थापित की गई है। यहां भर्ती बच्चों की जांच कराने के लिए अभिभावकों को लैब नहीं जाना पड़ेगा। वार्ड में ही तत्काल जांच की सुविधा मिलेगी।
डॉक्टर ने कूल्हे का किया सफल प्रत्यारोपण
बहराइच। मेडिकल कॉलेज में शनिवार को एक मरीज के कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण कर उसे नवजीवन दिया है। मरीज का तीन वर्ष पहले कूल्हा गल गया था। निजी अस्पताल में उससे डेढ़ से दो लाख रुपये मांगे जा रहे थे। इलाज महंगा होने के कारण वह ऑपरेशन नहीं करा पा रहा था। मेडिकल कॉलेज में निशुल्क ऑपरेशन किया गया है।
मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉ.जयदीप पटेल ने बताया कि श्रावस्ती जिले के भिनगा अमरोहा गांव निवासी बृजेश कुमार (26) का तीन वर्ष पहले कूल्हा गल गया था। ऑपरेशन न होने के कारण चलने-फिरने में परेशानी हो रही थी। भीषण दर्द हो रहा था। एक सप्ताह पहले उन्होंने दिखाया, तो ऑपरेशन कराने की सलाह दी गई थी। मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. संजय खत्री के निर्देशन में शनिवार को उन्होंने अपनी टीम के साथ उसका कूल्हे का प्रत्यारोपण कर दिया गया है। ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ है।