रामनगर। भुल्लनपुर से 22 जून की रात बस से कोलकाता जा रहे सराफा कारोबारी के कर्मचारी अविनाश यादव और धनंजय यादव को धमका कर तीन बदमाशों द्वारा 42 लाख 50 हजार रुपये छीन लिए जाने के मामले में एसओजी ने दारोगा सत्य प्रकाश पांडेय और बिहार के दो लोगों को हिरासत में लिया है।
चंदौली में हाईवे स्थित एक ढाबे पर लगे सीसीटीवी कैमरे में आरोपितों और सर्राफ के कर्मचारी को एक साथ दिखने को जांच का आधार बनाया गया है। व्यापारी से झोले की भी पहचान कराई गई जिसमें रुपये ले जाए जा रहे थे। पुलिस ने वह गाड़ी भी बरामद कर लिया है, जिससे वारदात की गई थी।
चूंकि पुलिस कार्रवाई इस हद तक पहुंच चुकी है, इसलिए यह तय माना जा रहा कि सच्चाई पर मुहर लगी तो आरोपित बच नहीं पाएंगे। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कहा कि साक्ष्यों के आधार पर जांच की जा रही है, इसलिए कार्रवाई पूर्ण होने के बाद ही कुछ कहना ठीक रहेगा। हालांकि, एक पुलिसकर्मी समेत तीन से पूछताछ की पुष्टि उन्हाेंने भी की है।
चंदौली क्राइम ब्रांच और सैयदराजा का सिपाही बन की थी घटना
शहर में नीचीबाग कूड़ाखाना गली निवासी जयपाल कुमार ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि था अविनाश गुप्ता 53 लाख व धनंजय यादव 40 लाख रुपये बैग में लेकर बस से कोलकाता जा रहे थे। 22 जून की रात 12 बजे अविनाश ने फोन से बताया कि बस में सवार चंदौली क्राइम ब्रांच के दो और सैयदराजा थाने के एक सिपाही ने टेंगरा मोड़ से आगे उन्हें उतार लिया और अपनी कार में बैठा कर ले जा रहे हैं। जबकि अविनाश के साथ कोलकाता जा रहा धनंजय बस से उतर गया था।
जयपाल कुछ कर पाते कि रात एक बजे अविनाश ने धनंजय को फोन से बताया कि तीनों कथित पुलिसकर्मी एक बैग में रखे 40 लाख व दूसरे बैग से 2 लाख 50 हजार रुपये ले लिए और मुझे कार से फेंक कर भाग गए।
एक जुलाई की तहरीर पर 13 को रामनगर पुलिस दर्ज की रिपोर्ट
पीड़ित कारोबारी जयपाल ने एक जुलाई को घटना की तहरीर रामनगर थाने में दी थी। पुलिस ने उस दिन यह कहकर वापस कर दिया था कि आज ही देश में नया कानून लागू हुआ है। इसलिए तहरीर रख जाइए, हम रिपोर्ट दर्ज करके आपको बता देंगे। 13 जुलाई को पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जयपाल को सूचना दी।
जयपाल ने कहा कि लूट के पूरे रुपये मुझे मिलने चाहिए
सर्राफ जयपाल ने बताया कि पुलिस ने उन्हें बताया है कि एक दारोगा और बिहार के दो बदमाश पकडे़ गए हैं। दारोगा का नाम भी बताया गया है, लेकिन बिहार के लोगों का नाम मुझे भी पता नहीं। लेकिन पुलिस ने अगर अपराधियों को पकड़ा है तो मेरे रुपये मिलने चाहिए। उन्होंने कर्मचारियों पर भी संदेह जताया है।