जौनपुर: सदर संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने बाबू सिंह कुशवाहा पर दांव लगाया है। बांदा जिले की पखरौली गांव के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले कुशवाहा ने 1985 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। अप्रैल 1988 में वह बसपा संस्थापक कांशीराम के संपर्क में आए। वह 1993 में बांदा के बसपा जिलाध्यक्ष बने। 2003 में उन्हें बसपा ने पंचायतीराज मंत्री बनाया।
2007 में जब बसपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई तो कुशवाहा को खनिज ,नियुक्ति ,सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग मिले। जब परिवार कल्याण विभाग का गठन हुआ तो यह विभाग भी उन्हें सौंप दिया गया। उन्हें वर्षों तक मायावती का सबसे करीबी माना जाता था। वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य और दो बार कैबिनेट मंत्री रहे।
कुशवाहा भाजपा में भी शामिल हुए थे, लेकिन पार्टी में असंतोष की आवाजें उठने लगी। इसके बाद उन्होंने भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को पत्र लिखकर निर्दोष साबित होने तक अपनी सदस्यता निलंबित करने का अनुरोध किया था। इसके बाद जनअधिकार का पार्टी का गठन किया था। अब उन्हें जौनपुर से सपा का प्रत्याशी बनाया गया है।