नई दिल्ली। सामंथा रुथ प्रभु साउथ सिनेमा की सफल अभिनेत्रियों में से एक हैं। उन्होंने ‘फैमिली मैन 2’ से हिंदी में भी अपना दम दिखाया है। यूं तो सामंथा अपने अभिनय और खूबसूरती के लिए सालों से दर्शकों का दिल जीतती आई हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से पर्सनल लाइफ में अभिनेत्री की जिंदगी में काफी उथल-पुथल रही।
सामंथा रुथ प्रभु ने साल 2021 में नागा चैतन्य से अलग होने का एलान किया था। इसके ठीक एक साल बाद अभिनेत्री की बीमारी का खुलासा हुआ। एक्ट्रेस ने बताया था कि वह मायोसाइटिस नाम की बीमारी से जूझ रही हैं। एक हालिया इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने कहा कि वह अपनी बीमारी का सच नहीं बताना चाहती थीं। उन्हें मजबूरी में ऐसा करना पड़ा था।
मजबूरी में सामंथा ने लिया था फैसला
सामंथा रुथ प्रभु ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में बताया कि जब उन्हें बीमारी का खुलासा करने के लिए कहा गया, उस वक्त वह बहुत दर्द में थीं। उन्हें मजबूरी में ऐसा करना पड़ा था, वरना वह यह सब नहीं करतीं। बकौल सामंथा,
मुझे अपनी बीमारी को पब्लिक करने के लिए मजबूर किया गया था। उस समय मेरी महिला केंद्रित फिल्म रिलीज होने वाली थी। मैं तब बहुत बीमार थी। यह कठिन था और मैं तैयार नहीं थी। चारों ओर तरह-तरह की अटकलें चल रही थीं और गलत सूचनाएं फैलाई जा रही थीं।
बीमारी का सच नहीं बताना चाहती थीं सामंथा
‘खुशी’ एक्ट्रेस ने कहा कि वह नहीं चाहती थीं कि लोग उनकी बीमारी के बारे में जानें। हालांकि, मेकर्स के कहने पर उन्हें ऐसा करना पड़ा। सामंथा ने कहा-
निर्माताओं को फिल्म को प्रमोट करने के लिए मेरी जरूरत थी, नहीं तो यह खत्म हो जाती। इसलिए, मैं एक इंटरव्यू देने के लिए सहमत हो गई। जाहिर है, मैं वैसी नहीं दिख रही थी। मुझे स्थिर रखने के लिए दवा की ज्यादा खुराक ली गई। मुझे मजबूर किया गया। यदि कोई विकल्प होता, तो मैं बाहर आकर इसकी घोषणा नहीं करती।
सामंथा को कहा गया सिम्पैथी क्वीन
सामंथा ने यह भी बताया कि बीमारी की घोषणा करने के बाद कैसे लोगों ने उन्हें बुरी तरह ट्रोल किया था। एक्ट्रेस ने कहा-
मुझे जनता सिम्पैथी क्वीन कहती थी। एक अभिनेता के रूप में, एक इंसान के रूप में मेरी यात्रा में मैं बहुत विकसित हुई हूं। अपने करियर के शुरुआत में मैं ऑनलाइन गंदे आर्टिकल्स ढूंढती थी और परेशान रहती थी कि लोग मेरे बारे में क्या लिख रहे हैं। जितना लोगों ने मुझ पर आरोप लगाया, मैंने लगभग सब पर सवाल उठाया। उन्होंने मुझे वह व्यक्ति बनने के लिए मजबूर किया है, जिस पर मैं गर्व कर सकती हूं।