नई दिल्ली। भाजपा के रालोद से नजदीकी बढ़ाने और गठबंधन की अटकलों के बीच समाजवादी पार्टी में बेचैनी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इन चर्चाओं को लेकर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव का कहना है, “जयंत चौधरी एक पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं और वह राजनीति को अच्छी तरह समझते हैं। मुझे उम्मीद है कि वह किसानों की लड़ाई को कमजोर नहीं होने देंगे।”
इससे पहले समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव का बयान सामने आया। उन्होंने कहा, “मैं जयंत को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं। वे धर्मनिरपेक्ष लोग हैं। बीजेपी केवल मीडिया का इस्तेमाल कर गुमराह कर रही है। वे (आरएलडी) इंडी गठबंधन में बने रहेंगे और बीजेपी को हराने का काम करेंगे।”
‘मैं नहीं मानती की जयंत चौधरी इस तरह का कोई कदम उठाएंगे’
डिंपल यादव ने कहा, “जिस तरह भाजपा सरकार किसानों के विरुद्ध काम कर रही है, बजट में किसी भी प्रकार की एमएसपी का जिक्र नहीं है, भाजपा के द्वारा हमारी पहलवान बहनों का अपमान हुआ है, मैं नहीं मानती की आरएलडी के नेता जयंत चौधरी इस तरह का कोई कदम उठाएंगे, जिससे किसानों को नुकसान पहुंचे।”
पश्चिमी उप्र में रालोद का साथ क्यों जरूरी?
पश्चिमी उप्र की 12 सीटों पर रालोद का खासा प्रभाव है। इसी कारण आईएनडीआइए और एनडीए दोनों को रालोद का साथ चाहिए। जिस गठबंधन में रालोद रहेगा उसका पलड़ा यहां भारी हो जाएगा। मुरादाबाद मंडल की हारी हुई सीटों पर भी रालोद की अच्छी पैठ है।