शहीदी सप्ताह में वीरों के बलिदान की गाथा सुन बही अश्रुधारा

  • 21 से 27 दिसंबर तक विशेष कथा व कीर्तन का हुआ आयोजन

बाराबंकी। शहर के लाजपत नगर गुरुद्वारे में गुरु गोविंद सिंह और उनके परिवार के सदस्यों की याद में 21 से 27 दिसंबर तक शहीदी सप्ताह मनाया गया। इस दौरान गुरुद्वारा में विशेष कथा व कीर्तन समागम का आयोजन हुआ। जिसमें 22 से 24 दिसंबर तक अमृतसर पंजाब से आए कथा वाचक बूटा सिंह ने श्री गुरु गोविंद सिंह व उनके चार साहिबजादों की शहादत को विस्तार से बतलाया। जिसे सुनकर कार्यक्रम स्थल पर मौजूद सिख परिवार गमगीन हो उठे। बुजुर्ग लोगों के आंखों से अश्रु धारा बहने लगी। यहां गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के सचिव हरपाल सिंह ने बताया कि चारों साहिबजादों और माता गुजरी जी का बलिदान सिख समाज के लिए गर्व की बात है। 10 लाख सैनिकों के सामने चमकौर के मैदान में युद्ध के दौरान बारी-बारी से उन्हें बलिदान किया गया। 23 दिसंबर को गुरु जी के बड़े साहिबज़ादे अजीत सिंह और फिर जुझारू सिंह शहीद हुए। 27 दिसंबर को गुरु जी के दो छोटे साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को इस्लाम धर्म कबूल ना करने पर सरहिंद के नवाब ने जिंदा दीवार में चुनवा दिया। यहां गुरुद्वारे में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के मौके पर सांसद उपेंद्र सिंह रावत, प्रदेश संयोजक अजीत प्रताप सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा रोहित सिंह शाहिद अन्य लोगों ने गुरुद्वारा पहुंचकर वीर शहीदों को याद कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर गुरुद्वारे के प्रधान भूपेंद्र सिंह, उप प्रधान रविंद्र सिंह कालरा, सचिव हरपाल सिंह व राजदीप सिंह, कोषाध्यक्ष हरप्रीत सिंह मीडिया प्रभारी प्रीत सिंह सहित बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग उपस्थित रहे।

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