उन्नाव। प्रशासक अवधि में सहायक विकास अधिकारियों पंचायत की ओर से ग्राम निधि खाते से निकाले गए 7.54 करोड़ रुपये मामले में डीएम गौरांग राठी ने जांच के लिए टीम गठित कर दी है। टीम को जल्द रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए हैं।
जिले में ग्राम पंचायतों की संख्या 1037 हैं। पिछले कार्यकाल के प्रधानों का चार्ज 25 दिसंबर 2020 रात 12 बजे वापस ले लिया गया था। कार्यकाल खत्म होने के बाद रात 12 बजे प्रधानों को विभागीय साइट से अनरजिस्टर्ड कर दिया गया था। साथ ही सभी के भुगतान संबंधित डोंगल जमा करा लिए गए थे। इसके बाद पंचायतों में सहायक विकास अधिकारियों को प्रशासक तैनात कर दिया गया था। फिर त्रिस्तरीय चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इसी बीच पद के परिणाम जारी होने और नवनिर्वाचित प्रधानों के शपथ ग्रहण के बीच पांच मई से 25 मई 2021 के बीच प्रशासकों ने नियम विपरीत 7.54 करोड़ रुपये ग्राम निधि खाते से निकाल लिए। प्रशासकों की ओर से नियम विरुद्ध धनराशि निकालने का काम प्रदेश के अन्य जनपदों में भी किया गया। गोरखपुर में एक शिकायत पर हुई जांच में मामला खुला तो प्रदेश के अन्य जनपदों में ग्राम निधि से निकाली गई धनराशि की पड़ताल शुरू हुई। इसमें जिले में भी 7.54 करोड़ रुपये के भुगतान का खुलासा हुआ।
पुरवा विकासखंड में नहीं निकाली गई धनराशि
जिले में ब्लाकों की कुल संख्या 16 है। इसमें पुरवा विकासखंड को छोड़कर शेष 15 ब्लाकों असोहा, औरास, मियागंज, हसनगंज, नवाबगंज, हिलौली, बीघापुर, सुमेरपुर, सिकंदरपुर कर्ण, सिकंदरपुर सरोसी, बिछिया, सफीपुर, फतेहपुर चौरासी, बांगरमऊ व गंजमुरादाबाद में एडीओ पंचायत ने अनियमित रूप से नियमों को ताक पर रखकर सरकारी धनराशि का आहरण कर लिया। बड़ी बात यह रही कि मामले में तत्कालीन उच्चाधिकारी भी आंखें बंद किए रहे।
प्रशासक अवधि में सहायक विकास अधिकारियों की ओर से नियम विपरीत धनराशि निकाले जाने के मामले की जांच के लिए डीएम ने टीम गठित कर दी है। पूरे मामले की गहनता से जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई भी होगी।
प्रेम प्रकाश मीणा, सीडीओ