अब गोरखपुर में बनेगा RRR सेंटर

गोरखपुर। बसंतपुर स्थित गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन का संचालन शुरू होने के बाद नगर निगम ने शहर के कूड़ा पड़ाव केंद्रों को तोड़ना शुरू कर दिया है। सिविल लाइन स्थित कूड़ा पड़ाव केंद्र तोड़ दिया गया है। दुर्गाबाड़ी और फिर टाउनहाल के पास हट्टी माई मंदिर से पहले बने पड़ाव केंद्र को भी जल्द ही तोड़ दिया जाएगा। इससे आस-पास के लोगों को गंदगी और बदबू से निजात मिल जाएगी।

इन केंद्रों की जगह नगर निगम, स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के तहत आरआरआर (रिड्यूज, रियूज, रिसाइकिल) सेंटर का निर्माण कराएगा। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि इंदिरा बाल विहार पर बने आरआरआर सेंटर की तर्ज पर अन्य सेंटरों पर भी गरीब एवं असहाय लोगों की मदद के लिए व्यवस्था की जाएगी। यहां पुराने कपड़े, जूते, चप्पल, खिलौने, किताब-कापी एवं अन्य सामग्री जो जरूरतमंदों के काम आ सकती है, उसे रखा जाता है।

उन्होंने अपील की कि अपने घरों की ऐसी अनुपयोगी सामग्री जो थोड़ा-बहुत उपयोग के योग्य हो, उसे आरआरआर सेंटर पर जमा किया जा सकता है। शहर के बसंतपुर में हाल ही में तैयार हुए गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन का संचालन शुरू होने से यहां 30 वार्डों का कूड़ा न केवल सीधे पहुंचने लगा है, बल्कि वैज्ञानिक विधि से निस्तारण भी शुरू हो गया है। अब 50 वार्डों के कूड़े का निस्तारण निगम प्रशासन के सामने चुनौती है। जल्द ही चरगांवा में दूसरा गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन भी तैयार हो जाएगा, जिसके बाद इन वार्डों का कूड़ा वहां गिरने लगेगा।

फिलहाल नगर निगम ने एकला बांध पर पुराने कूड़े का पहाड़ खत्म करने के बाद शहर से बाहर सेवई बाजार के निकट चेरिया गांव में इन वार्डों का कूड़ा एकत्र करने की वैकल्पिक व्यवस्था कर ली है। दो से ढाई साल में सुथनी में सालिड वेस्ट प्लांट एवं चारकोल प्लांट की स्थापना के बाद शहर के कूड़े का पूरी तरह से निस्तारण होने लगेगा।

गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन का रख-रखाव व संचालन कर रही फर्म जेएस एनवायरों सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने निगम के 30 वार्डों से हर दिन निकलने वाले तकरीबन 100 टन से अधिक कचरे का वैज्ञानिक विधि से निस्तारण शुरू कर दिया है। इस कचरे को कंप्रेसर कंपेक्टर में कंप्रेस कर 15 टन के कैप्सूल के जरिये वाराणसी रोड पर जोतभार गांव के पास लैंडफिल साइट पर डम्प किया जा रहा है, जहां वैज्ञानिक विधि से इसका निस्तारण हो रहा है।

Related Articles

Back to top button