डीएम ने की जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा

संस्थागत प्रसव का डाटा एकत्रित कर पोर्टल पर त्वरित करें अपलोड

प्रगति खराब मिलने पर तीव्रता लाने का डीएम ने दिया निर्देश

बलिया। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसमें पूर्ण प्रतिरक्षाकरण, परिवार नियोजन,आरसीएच पोर्टल पर गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का पंजीकरण, फर्स्ट टाइम गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, एचआरपी(हाई रिस्क प्रेगनेंसी), टोटल डिलीवरी रिपोर्ट, फुल ANC, संस्थागत प्रसव, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत मेडिकल हेल्थ टीम के द्वारा स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, ई-संजीवनी, आयुष्मान कार्ड, राष्ट्रीय लेप्रोसी उन्मूलन कार्यक्रम, पोषण पुनर्वास केंद्र पर चर्चा हुई।
जिलाधिकारी द्वारा आरसीएच पोर्टल पर गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के पंजीकरण और फर्स्ट टाइम गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण को बढ़ाकर गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को अपडेट करने का निर्देश दिया। इसमें खास तौर पर महत्वाकांक्षी ब्लॉकों को स्थिति सुधार करने की हिदायत दी गई। एचआरपी (हाई रिस्क प्रेगनेंसी) पंजीकरण ,टोटल डिलीवरी, पूर्ण प्रतिरक्षाकरण में सभी ब्लॉकों के एम‌ओआइसी को प्रगति लाने के निर्देश दिए गए।संस्थागत प्रसव प्रदर्शन में अधिकतर ब्लॉकों की प्रगति कम पाई गई। जिस पर जिलाधिकारी ने इन ब्लाकों के एम‌ओआईसी को प्राइवेट एवं सरकारी चिकित्सालयों में वाले होने वाले संस्थागत प्रसव का डाटा एकत्रित कर पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत ब्लाकों की मेडिकल हेल्थ टीम के द्वारा विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के कराए जाने वाले स्वास्थ्य परीक्षण की संख्यां में खराब प्रदर्शन करने वाले ब्लॉकों को प्रगति लाने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया।
जिलाधिकारी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत बनने वाले आयुष्मान कार्ड में सबसे खराब स्थिति में पाए गए ब्लाकों के एम‌ओआइसी को पात्र लाभार्थियों के तीव्र गति से कार्ड बनाने के लिए एएनएम और सीएच‌ओ से सहयोग लेने का निर्देश दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने में खाद्य एवं रसद विभाग मदद कर रहा है। ओपीडी रेफरल के संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिले से रेफर किए जाने वाले मरीजों को दूसरे जनपद में भेजने पर संबंधित अस्पताल में तत्काल इलाज की सुविधा मिल सके, इसकी कार्य योजना पहले से तैयार कर ली जाए। यह सरकार की तरफ से नया शासनादेश है। जिलाधिकारी ने पिछले कई महीनो से खराब प्रगति करने वाले ब्लाकों के अपेक्षित सुधार के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया कि इन ब्लॉकों में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और डिप्टी मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ड्यूटी लगाकर इन ब्लाकों के कार्यों में प्रगति लाना सुनिश्चित करें और इनकी साप्ताहिक समीक्षा भी करें।

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