उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में भूस्खलन के बाद फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रेस्क्यू जारी

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 40 श्रमिकों को निकालने के लिए लगातार छह दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। पिछले 6 दिनों से सिलक्याला सुरंग में फंसे 40 श्रमिकों को निकालने के लिए बनाई जा रही एस्केप टनल 21 मीटर बन पाई है।

बताया जा रहा है कि टनल बनाने के कार्य में बोल्डर या मेटल आने के कारण कुछ रुकावट आई थी, जिसे बाद में ड्रिल करके दूर कर ली गई। श्रमिकों को निकालने के लिए भूस्खलन क्षेत्र में मलबे के बीच कुल 60 मीटर लंबी निकासी सुरंग बनेगी।

सीएम और वीके सिंह ने लिया जायजा
उधर, केंद्रीय भूतल परिवहन राज्यमंत्री जनरल (सेनि.) वीके सिंह ने गुरुवार को सिलक्यारा पहुंचकर राहत व बचाव कार्य का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार बचाव कार्य की निगरानी करते हुए अधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने शुक्रवार देर रात तक सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकाले जाने की उम्मीद जताई है। उन्होंने सुरंग के भीतर पूजा-अर्चना कर भगवान से श्रमिकों के सकुशल होने की कामना भी की।

अभी लग सकता है इतना समय
अभी 30 से 35 घंटे और 110 घंटे से भी अधिक समय से सुरंग के भीतर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अभी 30 से 35 घंटे का समय और लग सकता है। उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि मलबे में ड्रिल करने और छह मीटर लंबे पाइप को धकेलने में करीब डेढ़ घंटे लग रहा है। इसके बाद एक पाइप को दूसरे पाइप से जोड़ने में करीब दो घंटा लग रहा है। मशीन को बीच-बीच में विश्राम भी दिया जा रहा है।

कहा कि जब निकासी सुरंग की लंबाई बढ़ने लगेगी तो काम की गति तेज होने की उम्मीद है। राहत व बचाव टीम के विशेषज्ञों के अनुसार, सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए करीब 60 मीटर लंबी निकासी सुरंग बनाने में शुक्रवार रात तक का समय लग सकता है।

बिजली-पानी की पर्याप्त व्यवस्था
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने बताया कि सुरंग में फंसे श्रमिकों के लिए ऑक्सीजन और खाद्य सामग्री की लगातार आपूर्ति की जा रही है। उनके अनुसार सुरंग में बिजली और पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था है। श्रमिकों को आवश्यकतानुसार दवा आदि भी भेजी जा रही हैं। फिलहाल, सभी श्रमिक सुरक्षित हैं।

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