बलिया। प्राथमिक विद्यालय अलावलपुर पर कार्यरत सहायक अध्यापिका अंजली तोमर ने ईसा मसीह यीशु की जयंती सप्ताह के अवसर पर बच्चों को सांता क्लाज बनाकर यीशु को याद किया। वहीं ईसा मसीह के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।
कहा कि सांता क्लाज पहाड़ की बर्फीली जगहों में रहते है। सांता क्लॉस बच्चों से बहुत प्यार करते थे वो घर घर जाकर बच्चों को उपहार और टाफी देते थे। उन्होंने यह भी बताया कि ऐसा माना जाता है कि क्रिसमस के मौके पर सांता क्लॉज ढेर सारी खुशियां लेकर आएगा। क्रिसमस की रात सफेद रंग की बड़ी बड़ी दाढ़ी वाले सांता क्लॉज स्वर्ग से उतर कर हर घर में आते है और बच्चों के तोहफे को पोटली क्रिसमस ट्री पर लटकाकर चले जाते है। इस दिन को बड़ा दिन भी कहा जाता है। शिक्षा के साथ साथ सामाजिक, सामाजिक शिक्षा भी प्रदान करना चाहिए। ताकि बच्चे का सर्वांगीण विकास हो सके। वर्तमान परिवेश जहा नैतिक मूल्यों का अभाव हो रहा है। ऐसे में हम शिक्षकों की जिम्मेदारी कुछ और बढ़ जाती है सामाजिक मूल्यों को सलामत रखने के लिए समय समय पर स्कूलों, कॉलेजों में समय ऐसे ही सामाजिक, धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होने से बच्चों में एक आमूलचूल परिवर्तन हो सकता है। इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रदीप कुमार यादव ने भी सभी बच्चों से संस्कार, संस्कृति को बचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जो अपनी विरासत छोड़ कर गए है उसका बचाना हम सभी जिम्मेदारी है।