कोतवाल की मनमानी से छुट्टा घूम रहे बलात्कारी,दर दर भटक रही पीड़िता

लखीमपुर खीरी- जहां केन्द्र सरकार अपराधियों बलात्कारियों दुष्कर्मियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए नए कानून ला रही है। सुप्रीमकोर्ट बलात्कार पीड़िता के बयान को ही सबूत मान रही है।वहीं सदर कोतवाल की मनमानी से नामजद बलात्कारी खुलेआम छुट्टा घूम रहे हैं।इससे परेशान पीड़िता न्याय पाने के लिए सीओ से लेकर एसपी तक डीएम से लेकर सीएम तक दर दर भटक रही है।बताते चलें शहर के मोहल्ला निवासी युवती का बहराइच जिले के राजू उर्फ शत्रोहन सैनी एवं मोहन सैनी पुत्रगण बाबादीन से व्हाट्सएप के माध्यम से दोस्ती के बाद चैटिंग का सिलसिला शुरू हुआ तो एक दूसरे का मिलना मिलाना होने लगा।इसके बाद विश्वास पैदाकर एक साथ घूमने के बहाने ले जाकर जबरन बलात्कार कर डाला।दोस्ती में रेप का शिकार हुए पीड़िता की तहरीर पर कोतवाली सदर में उक्त दोनों के खिलाफ 7मार्च को मुअस.0238/2023 धारा 376डी 323 504 506 दर्ज कर पुलिस ने नियमानुसार पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कोर्ट में बयान आदि सारी न्यायिक प्रक्रिया की गई।इसके बाद पता नहीं किन कारणों से कोतवाल चंद्रशेखर ने आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्रवाई करने के बजाय उनका खुद न्यायाधीश बनकर उन्हें बाइज्जत बरी कर कोर्ट में फाइनल रिर्पोट दाखिल कर दिया।जिसका खामियाजा पीड़िता को विपक्षियों से जान से मार डालने दोबारा उठा ले जाने आदि धमकियों के रूप में रोज भुगतना पड़ रहा है।इससे परेशान पीड़िता ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई एवं न्याय दिलाए जाने के लिए एक बार फिर न्यायालय में गुहार लगायी।तब न्यायालय ने पुनः विवेचना एवं कार्रवाई के लिए कोतवाली पुलिस को आदेश दिया किन्तु पीड़िता का दुर्भाग्य बनकर खड़े अपनी मनमानी के लिए काफी चर्चित कोतवाल साहब ने अबला पीड़िता और उसकी मां को कोतवाली बुलाकर पूरा पुलिसिया रौब दिखाते हुए न सिर्फ कार्रवाई करने से मना कर दिया बल्कि बड़े से बड़े अधिकारी कोर्ट के आदेश पर भी कार्रवाई नहीं करने की चुनौती देते हुए फिर फाइनल रिर्पोट लगाकर फाइल कोर्ट को वापस कर दी।तब फिर अपनी सुरक्षा और अस्मत की रक्षा के लिए पीड़िता न्यायालय पहुंच गई।पीड़िता की गुहार पर एक बार फिर कोर्ट ने पुनः विवेचना एवं कार्रवाई के लिए फाइल कोतवाली भेज दी है।पीड़िता ने बताया एसपी साहब को शपथपत्र देकर कार्रवाई की मंाग पर आज सीओ सिटी साहब ने बयान दर्जकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।इस बाबत जब सदर कोतवाल के सीयूजी नंबर पर संपर्क किया गया तो काल रिसीव करने वाले इंस्पेक्टर क्राइम हरिप्रसाद ने बताया उक्त मामले में साक्ष्य नहीं होने से कार्रवाई नहीं की गई है।

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