लखनऊ। संसद में सुरक्षा चूक मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। लखनऊ स्थित आरोपी सागर शर्मा के घर से डायरी मिली है। डायरी में लिखा घर से विदा लेने का समय पास है। कुछ भी कर गुजरने की आग दहक रही है। लिखा है कि, काश में अपनी ‘स्थिति माता पिता को समझा सकता मगर ऐसा नहीं है कि मेरे लिए संघर्ष की राह चुनना आसान है। पांच सालों से उम्मीद लगाय प्रतीक्षा की है की एक दिन आयेगा जब में अपने कर्तव्य की ओर बढ़ूंगा। दुनिया में ताकतवर व्यक्ति वह नहीं, जो छीनना जानते है। ताकतवर व्यक्ति वह है, जो हर सुख त्यागने की क्षमता रखता है।”
इन सभी तथ्यों की एजेंसियां पड़ताल कर रही हैं। सागर इस तरह की बातें लिखकर। बेंग्लूरू क्यों गया? वहां पर वह किन-किन लोगों के संपर्क में था? तमाम बिंदुओं पर जांच जारी है। डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने बताया कि सागर की डायरी में लिखे तथ्यों की जांच एजेंसियां तफ्तीश कर रही हैं। पुलिस भी इस आधार पर पड़ताल कर रही है। हालांकि डायरी में लिखे तथ्यों के आधार पर यह भी कयास लगाए जा रहे हैं सागर की कुछ देश विरोधी संगठनों ने नजदीकियां हैं।
बता दें कि सागर के घर से मिली डायरी से उसके बेंगलुरु और मैसूर के कनेक्शन सुरक्षा एजेंसियां और आतंकवाद निवरोधक दस्ता (एटीएस) खंगाल रही है। इसके अलावा साइबर क्राइम सेल की दो टीमें सागर के इंटरनेट मीडिया अकाउंट फेसबुक, इंस्टाग्राम की तफ्तीश कर रही हैं। सागर इंटरनेट मीडिया पर बहुत अधिक एक्टिव रहता था। उसके द्वारा फेसबुक पर पोस्ट किए गए पीएम मोदी और सरकार विरोधी वीडियो, मैसेज पर किन-किन लोगों ने कमेंट किया।
क्या कमेंट किए गए? उनकी पृष्ठभूमि क्या है? अकाउंट से कौन कौन से लोग जुडे हैं उनकी जड़ें खंगाल रही हैं? इन तमाम सवालों के उत्तर एजेंसियां ढूंढ रही हैं। वहीं, लखनऊ पुलिस कमिश्रनेट और एलआइयू सागर शर्मा के दोस्तों से उसके बारे में जानकारियां जुटा रही हैं, कि बेंगलुरु और मैसूर से रहने के बाद से उसके व्यक्तित्व में क्या क्या बदलाव हुआ? पहले से सागर में कोई परिवर्तन हुआ अथवा नहीं। वह किन-किन लोगों से मिलता था? कौन कौन लोग सागर से मिलने के लिए रामनगर आलमबाग में उसके घर आते थे? समेत तमाम बिंदुओं की पड़ला की जा रही है। पुलिस और एलआइयू उसकी पृष्ठभूमि से जुड़ी जानकारियां केंद्रीय एजेंसियों को साझा कर रही हैं।
जून 2015 में लिखा इंकलाब जिंदाबाद और कुछ कविताएं
इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुए सागर के पेज में दो जून 2015 कि तिथि पड़ी है। उस पर इंकलाब जिंदाबाद लिखा है। इसके बाद कुछ कविताएं लिखी हैं। संसद के सुरक्षा में सेंध लगाने से पहले का सागर का इंस्टाग्राम पोस्ट वायरल। सागर ने लिखा “जीते या हारे पर कोशिश तो जरूरी है अब देखना ये है सफ़र कितना हसीन होगा, उम्मीद है फिर मिलेंगे।”