रायबरेली : बिजली विभाग के कर्मचारियों की मनमानी से उपभोक्ता परेशान हैं। राहत के लिए उपभोक्ता फोरम में वाद दाखिल करने के लिए मजबूर हैं। सतांव ब्लाक के भीतरगांव निवासी शिवराम ने बताया कि उनके छोटे भाई ने 1984 में घरेलू कनेक्शन लिया था। 2016 तक बराबर बिल जमा किया गया। इसी साल हरीराम ने अलग घर बनवा कर नए मकान में कनेक्शन के लिए 1330 रुपये जमाकर आवेदन किया।
जनवरी 2021 तक बिल जमा किया गया। इसी बीच हरीराम की मौत हो गई, जिसके कारण बिजली का बिल नहीं जमा हो सका। 15 जनवरी 2021 को मध्यांचल विद्युत वितरण खंड लालगंज की ओर से 189444 की आरसी जारी कर दी गई, जबकि बिजली का बिल 44886 था। 189444 की आरसी मिलते ही वादी के पैरों तले जमीन खिसक गई। गलत आरसी जारी होने की शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
विभागीय अधिकारी जारी आरसी को जमा करने के लिए लगातार दबाव बनाने लगे। अधिकारियों से राहत न मिलने पर शिवराम ने 29 जुलाई 2021 को उपभोक्ता प्रतितोष आयोग में वाद दायर किया। दो वर्ष सात माह तक चली सुनवाई के बाद उपभोक्ता प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष मदन लाल निगम सदस्य सुनीता मिश्रा व प्रतिमा सिंह ने मध्यांचल विद्युत वितरण खंड लालगंज के अधिशाषी अभियंता को 189444 की आरसी को निरस्त कर सही बकाया 44886 के बिल को जमा कराने का आदेश जारी कर वादी को एक माह के भीतर बकाया बिल को जमा करने के निर्देश दिए हैं।