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नई दिल्ली। देश के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा ने हाल ही में आईसीसी या किसी भी क्रिकेट अधिकारियों के साथ अपने संबंध को लेकर चुप्पी तोड़ी है। रतन टाटा ने उनके नाम से हो रहे सभी दावों को गलत ठहराया।
रतन टाटा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि मैंने आईसीसी या किसी भी क्रिकेट फैकल्टी को किसी भी खिलाड़ी पर जुर्माना या इनाम देने के संबंध में कोई सुझाव नहीं दिया। मेरा क्रिकेट से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। कृपया इस तरह के झूठेव्हाट्सएप मैसेज और वीडियो पर तब तक विश्वास न करें, जब तक कि वह मेरे ऑफिशियल प्लेटफॉर्म से न आई हो।
दरअसल, कई उपयोगकर्ताओं ने पहले दावा किया था कि श्री रतन टाटा अफगानिस्तान के खिलाड़ी राशिद खान की मदद कर रहे थे। एक यूजर ने 27 अक्टूबर को एक्स (पूर्व में ट्विटर) में लिखा,
“मैं क्रिकेटर राशिद खान को 10 करोड़ रुपये की मदद करने का दावा करता हूं, जिन पर पाकिस्तान पर जीत का जश्न मनाते समय भारतीय ध्वज को अपने सीने पर लगाने के लिए आईसीसी ने 55 लाख रुपए का जुर्माना ठोका था”
एक अन्य ने भी दावा किया था कि पाकिस्तान ने भारतीय झंडे के साथ जीत का जश्न मनाने के दौरान आईसीसी से शिकायत की, आईसीसी ने इसके बाद राशिद खान पर 55 लाख का जुर्माना लगाया, लेकिन रतन टाटा ने राशिद खान को 10 करोड़ देने की घोषणा की है।
आपको बता दें कि अफगानिस्तान ने वनडे विश्व कप में पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ 8 विकेट से जीत दर्ज की थी। इस जीत के बाद अफगानी स्पिनर राशिद खान ने कंधे पर अफगानिस्तान का झंड़ा रखकर मैदान का चक्कर लगाने जीत का जश्न मनाया था।
सोशल मीडिया पर ऐसी भी कई अफवाहें फैली कि पाकिस्तान पर जीत के जश्न में राशिद खान ने भारतीय ध्वज के साथ जश्न मनाया था। इस मामले पर आईसीसी ने उन पर 55 लाख रुपये देने का आरोप लगाया।