![](https://nishpakshpratidin.com/wp-content/uploads/2024/06/1200-675-21617418-thumbnail-16x9-news-20-780x470.jpg)
अयोध्या। कूटरचित आरती पास श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराने वाले दोनों गाइडों को पकड़ लिया गया है। ये दोनों गाइड पर्यटन विभाग में पंजीकृत हैं। पकड़े गए लोगों में शहर के निरालानगर निवासी नरेंद्र कुमार पांडेय और बस्ती जिले के छावनी शंकरपुर निवासी अजय कुमार मौर्य हैं।
इन्होंने बेंगलुरू के तीन श्रद्धालुओं को रामलला की शयन आरती में शामिल होने के लिए फर्जी पास उपलब्ध कराए थे, जिसके बदले प्रति श्रद्धालु 1500-1500 रुपये लिए गए। शनिवार को एसपी सिटी मधुबन सिंह ने बताया कि गत 28 मई को रामलला की शयन आरती में सम्मिलित होने पहुंचे बेंगलुरू के श्रद्धालुओं के पास की सुरक्षा कर्मियों ने जांच की तो यह मामला प्रकाश में आया।
छानबीन में धोखाधड़ी की कड़ियां खुलती चली गईं। श्रद्धालुओं ने बताया कि नरेंद्र और अजय ने 1500-1500 रुपये लेकर उन्हें पास उपलब्ध कराए थे। ये सभी श्रद्धालु सिविल लाइन स्थित होटल रेडिसन में ठहरे हुए थे, जहां के मैनेजर कमलजीत के माध्यम से उनकी भेंट दोनों गाइडों से हुई थी।
स्तविक आरती पास हैं निश्शुल्क
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से जारी होने वाले वास्तविक आरती पास निश्शुल्क हैं। इस मामले में उप निरीक्षक आशीष कुमार वर्मा की ओर से थाना रामजन्मभूमि में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। विवेचना अभी जारी है। तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं इस मामले में क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव का कहना है कि पुलिस की ओर से उन्हें अभी कोई सूचना नहीं दी गई है। पर्यटन विभाग की इसकी पड़ताल कराएगा कि गाइड उनके हैं अथवा नहीं। यदि वह पर्यटन विभाग से संबंधित हुए तो उनका लाइसेंस निलंबित किया जाएगा। आरोपियों का लाइसेंस निरस्त भी किया जा सकता है।