राजस्थान चुनाव परिणाम 2023: राजस्थान (Rajasthan elections) में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन हुआ है। हर 5 साल में सत्ता पक्ष बदलने का यह सिलसिला मतदाताओं (Rajasthan elections) ने इस साल भी जारी रखा और बीजेपी का समर्थन किया.
राजस्थान की राजनीति
जयपुर: सत्ता परिवर्तन का सिलसिला जारी रखते हुए राजस्थानी मतदाताओं ने सत्तारूढ़ कांग्रेस को झटका देते हुए बीजेपी को जमकर वोट दिया. इसके चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सत्ता गंवानी पड़ी. इस चुनाव में स्विंग वोटिंग ने अहम भूमिका निभाई. राज्य की 199 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ. इनमें से 115 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार जीते. जबकि कांग्रेस 69 सीटें जीत सकी.
पिछले चुनाव की तुलना में इस साल कांग्रेस को 0.23 फीसदी ज्यादा वोट मिले. लेकिन उनकी 30 सीटें कम हो गईं. जबकि बीजेपी के वोटों में 2.92 फीसदी का इजाफा हुआ. 42 सीटें बढ़ गई हैं. कांग्रेस और बीजेपी के बीच सिर्फ 2.16 फीसदी का अंतर है. लेकिन उनकी जीती हुई सीटों की संख्या में 46 सीटों का अंतर है. महाराष्ट्र में 2019 के चुनाव में वंचित फैक्टर अहम था. यही बात कांग्रेस को राजस्थान में महंगी पड़ी.
कांग्रेस के लिए मायावती की बहुजन समाज पार्टी और हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है। इस चुनाव में बसपा को 1.82 फीसदी वोट मिले. जबकि आरएलटीपी को 2.39 फीसदी वोट मिले. दोनों को कुल 4.21 फीसदी वोट मिले. बीजेपी को कांग्रेस से 2.16 फीसदी ज्यादा वोट मिले. तो दो छोटी पार्टियों ने कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ दिए. उनकी वजह से कई जगहों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को नुकसान हुआ. इसी वजह से कांग्रेस को 30 सीटों का नुकसान हुआ.
राजस्थान में महाराष्ट्र की राजनीति का दोहराव!
2019 में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुए. बीजेपी के 105 और शिवसेना के 56 उम्मीदवार चुने गए. कांग्रेस के 44 और एनसीपी के 54 उम्मीदवार निर्वाचित हुए. बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 24 सीटों का नुकसान हुआ. जबकि कांग्रेस, एनसीपी गठबंधन की 15 सीटें बढ़ी थीं. प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी के कारण कांग्रेस, एनसीपी की 32 सीटें गिरीं। आगे चल रहे 32 उम्मीदवार 5 से 10 हजार वोटों के अंतर से हार गए. वंचित को इन निर्वाचन क्षेत्रों में 10 हजार से अधिक वोट मिले। वंचित और कांग्रेस-राष्ट्रवादी के वोट बैंक को देखते हुए अगर वंचित मैदान में नहीं होते तो इसका फायदा सामने वाले को होता. उनकी सीटें 125 के पार चली जाएंगी. अब वही राजनीति राजस्थान में दोहराई गई है.