कानपुर । चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर ने सहृदयता दिखाते हुए उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कानपुर को स्मार्ट सिटी बनाने में किया जा रहे प्रयासों में एक और कदम आगे बढ़ाया है। विश्वविद्यालय ने फसल शोध केंद्र नवाबगंज प्रक्षेत्र की 36.5 एकड़ जमीन को स्थाई रूप से एवं 12 एकड़ जमीन को अस्थाई रूप से मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को हस्तांतरित कर दी है। यह जानकारी शनिवार को मीडिया प्रभारी डॉ.खलील खान ने दी।
उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इस जमीन से गेहूं की 42 एवं जौ की 33 प्रजातियों का विकास किया जा चुका है। यही से 2004 में देश का पहला अर्थविद गेहूं के पद का सृजन भी हुआ था, और यह सन 1904 से अद्यतन देश की हरित क्रांति के साथ ही खाद्य सुरक्षा का सहयोगी रहा है। भूमि स्थानांतरण संबंधी अनुबंध पत्र पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय की ओर से निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र प्रोफेसर विजय कुमार यादव तथा कानपुर मेट्रो रेल कारपोरेशन के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार सिंह ने 29 सितम्बर को अनुबंध पत्र पर आज हस्ताक्षर किया। तथा संबंधित अभिलेख एवं अनुबंध पत्रों का आदान-प्रदान भी किया।
कुलपति ने मेट्रो कॉरपोरेशन के परियोजना निदेशक से ये भी आश्वासन लिया कि विश्वविद्यालय के सौंदर्यीकरण आदि में मैट्रो अपना सहयोग देती रहे। इस अनुबंध पत्र के अंतर्गत पीडब्ल्यूडी द्वारा चिन्हांकित निर्माण सूची की प्लिंथ एरिया के बराबर विश्वविद्यालय में चिह्नित भूमि पर विभाग, अनुभाग, कार्यालय एवं आवास को कानपुर मेट्रो बनाकर हस्तगत करेगा। साथ ही प्रक्षेत्र पर अवस्थापित सीसी रोड, नलकूप, थ्रेशिंग फ्लोर और जो भी प्रभावित होंगे उन्हें भी विश्वविद्यालय को बनाकर हस्तगत कर दिया जाएगा।
विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के अंतर्गत वन संपदा का वन विभाग द्वारा मूल्यांकन उपरांत कुल मूल्यांकित धन राशि विश्वविद्यालय के पक्ष में उपलब्ध कराने की सहमति बनी। कानपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन सीएसए में मेट्रो यार्ड के साथ ही मेट्रो स्टेशन को भी भव्यता के साथ बनाएगा।