रेलवे के पास ट्रैक का निरीक्षण, रखरखाव और मरम्मत के लिए प्रणाली है: वैष्णव

नई दिल्ली। रेलवे वंदे भारत ट्रेनों को 110 किमी प्रति घंटे से 130 किमी प्रति घंटे की गति से चलाने के लिए संवेदनशील स्थानों और 130 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति के लिए सभी पटरियों पर सुरक्षा बाड़ लगाएगा। यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करना रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भाजपा सांसद घनश्याम सिंह लोधी के सवाल के जवाब में लोकसभा में बताया कि रेलवे के पास ट्रैक का निरीक्षण, रखरखाव और मरम्मत के लिए प्रणाली है।

क्या कुछ बोले रेल मंत्री वैष्णव?
एक अन्य सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने बताया कि वर्ष 2023 के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा वंदे भारत के ट्रैक को बाधित करने की चार घटनाएं सामने आईं और सभी मामलों में हिरासत में लिए गए आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) राजकीय पुलिस फोर्स (GRP), जिला पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर सुरक्षित ट्रेन परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाता है।

उपनगरीय स्टेशनों के प्लेटफार्मों पर खाना पकाने की अनुमति नहीं
उपनगरीय रेलवे स्टेशनों के प्लेटफार्मों पर खाना पकाने की अनुमति नहीं है और अन्य स्टेशनों पर भी इसे धीरे-धीरे कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। रेलवे स्टालों, ट्रालियों और स्थिर खानपान इकाइयों के माध्यम से रेलवे स्टेशनों व प्लेटफार्मों पर यात्रा करने वाले यात्रियों को अच्छी गुणवत्ता और स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास करता है। शिवसेना के दो सांसदों कृपाल तुमाने और गजानन कीर्तिकर के सवाल के जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी।

ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला लिंक सबसे कठिन परियोजना
ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना देश की आजादी के बाद संभवत: सबसे कठिन परियोजना है। परियोजना के तहत ट्रैक हिमालय से गुजरता है और यह क्षेत्र भूवैज्ञानिक आश्चर्यों व कई समस्याओं से भरा हुआ है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में सवाल के लिखित जवाब में बताया,

यूएसबीआरएल परियोजना के तहत जम्मू-कश्मीर में 272 किमी नई रेलवे लाइन डाली जानी है और तकरीबन 161 किमी पर लाइन अब तक बिछाई जा चुकी है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच 138 किमी सुरंग बनाने का काम पूर्ण
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई लाइन के कुल 213 किमी में से 138 किमी हिस्से में काम पूर्ण हो चुका है। परियोजना की अनुमानित लागत 16,216 करोड़ में से मार्च 2023 तक 11,335 करोड़ खर्च हो चुके हैं। परियोजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भाजपा सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह के सवाल के जवाब में लोकसभा में दी।

रेलवे का 2030 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जक बनने का लक्ष्य
रेलवे ने 2030 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जक बनने का लक्ष्य रखा है और ऊर्जा संरक्षण के लिए कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में सवाल के लिखित जवाब में लक्ष्य की प्राप्ति करने के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में बताया कि गत नवंबर तक 60,814 किमी ब्राडगेज लाइनों को विद्युतीकृत कर दिया गया है।

एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (DFC) परियोजनाओं से कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलने की संभावना है। इसके लिए उन्होंने डीएफसी के माध्यम से माल ढुलाई में लगने वाले समय में आने वाली कमी को प्रमुख कारक बताया।

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