रैगिंग एक बड़ा अपराध…

ग्वालियर। ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स के साथ रैगिंग की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. फर्स्ट ईयर में पढ़ने आए छात्र के साथ बॉयज होस्टल में रैगिंग का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. रैगिंग के शिकार बच्चे ने मामले की शिकायत सीधे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से की थी. जब यूजीसी ने विश्व विद्यालय प्रबंधन को तलब किया, उसके बाद विश्व विद्यालय प्रबंधन हरकत में आया और मामले की जांच शुरू की.

रात भर कराते डांस
ग्वालियर के जीवाजी विवि बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी के बीपीटी के प्रथम वर्ष के छात्र ने यूजीसी को रैगिंग की शिकायत की. शिकायत के बाद पीड़ित छात्र होस्टल के अन्य साथियों के साथ विवि के कुलपति प्रो. डॉ. अविनाश तिवारी से जाकर मिले और बताया कि सीनियर होस्टल में आकर उसकी रैगिंग कर परेशान करते हैं.

अमानवीय ढंग से रैगिंग
पीड़ित छात्र ने अपने शिकायत में लिखा कि एमपीएड के छात्र गुरुदेव गुर्जर द्वारा हॉस्टल में आकर उसकी और अन्य छात्रों के साथ अमानवीय ढंग से रैगिंग की जाती है और छात्रों से रात भर डांस करवाया जाता है. इसके साथ ही छात्रों को कई प्रकार से परेशान भी किया जाता है. पत्र में पीड़ित छात्र ने लिखा है कि 4 से 5 दिसंबर की रात को गुरुदेव और उसके साथियों ने हॉस्टल का गेट तुड़वाकर छात्रों को बुलाया और परेशान किया. छात्र ने कहा कि इसके सीसीटीवी फुटेज देखे जा सकते हैं. वहीं शिकायत के बाद कुलपति डॉ अविनाश तिवारी ने मामला एंटी रैगिंग कमेटी को भेजने के साथ ही कार्रवाई का आश्वासन दिया है. हालांकि अभी किसी भी प्रकार के सीसीटीवी फुटेज विश्वविद्यालय ने नहीं दिए हैं.

नोटिस मिलते ही हरकत में विवि प्रबंधन
इस मामले की शिकायत यूजीसी की हेल्पलाइन पर भी की गई थी. जिसके बाद इस मामले को संज्ञान में लेते हुए यूजीसी ने नोटिस जारी करके विवि से जवाब मांगा है. नोटिस मिलते ही विवि प्रबंधन हरकत में आया. लेकिन, विवि प्रबंधन प्रथम दृष्टया इसे रैगिंग की जगह गलतफहमी की घटना बताने का प्रयास कर रहा है. वहीं यूजीसी को जवाब देने के लिए कुलपति ने इस शिकायत को तत्काल एंटी रैगिंग कमेटी को सौंप दिया गया है.

आरोपी को किया सस्पेंड
यूजीसी के नोटिस से मचे हड़कंप के बाद कुलपति के आदेश पर विवि के अधिकारियों की टीम तत्काल हॉस्टल पहुंची और व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इसके साथ ही उन्होंने छात्रों से भी बातचीत की. वाइस चांसलर प्रो. डॉ. अविनाश तिवारी ने बताया कि मामले की जांच चल रही है, हो सकता है कोई गलतफहमी हुई हो.

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