आबकारी विभाग की सुस्त कार्यवाही से घूम रहे थे 5 दर्जन से अधिक कच्ची शराब करोबारी
सीतापुर। शसन द्वारा जहां एक तरफ कच्ची शराब के कारोबार को बंद करने के लिए सम्बंधित विभाग को दिशा निर्देश जारी किए गए है । जिससे प्रदेश में कच्ची शराब से हो रही घटनाओं को रोका सके । जिस सम्बध में आबकारी विभाग के साथ पुलिस विभाग भी सक्रियता से कार्य कर रहा है और प्रतिदिन कच्ची शराब के कारोबारियों को सही ठिकाने भेजने में लगा है लेकिन जारी आदेशो के बाद भी आबकारी विभाग न तो अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पा रहा है और न ही राजधानी के आलाधिकारियों के सपनों पर खरा उतर पा रहा है। ऐसे हालातों में लाचार जनपद सीतापुर में जिला आबाकारी अधिकारी कृष्णपाल यादव शासन की मंशा के अनुरूप कार्य नही कर पा रहे है और आबकारी निरीक्षक कच्ची शराब के कारोबार में लोगों को संरक्षण देकर खुद खाते है और तस्करों को भी खाने का मौका देते है।
अलबत्ता आबकारी विभाग का मामला ढाक के तीन पात ही चल रहा है विभाग कठघरे में आकर खड़ा हो गया है। आबकारी विभााग कच्ची शराब के कारोबार को बढ़ावा दे रहा है तो वहीं आबकारी विभाग की संरक्षण वाली दरियादिली को देखकर अब तो इस पेशे में महिलाएं भी उतर आयी है। महिलाएं कच्ची शराब के कारोबार में ऐसा उतरी कि गांव गांव में कच्ची शराब के मिनी बार खुलने लगे है। इन मिनी बारों में जब शराबी जाता है और उसकी जेब वजन है तो वहां पर शराब, कबाब और शबाब तीनों चीजों का आनन्द शराबी उठाता है।
कच्ची शराब के गांव वाले मिनी बारों में बस पैसा होना चाहिए फिर तो इन्ही मिनी बारों में शबाब का आन्नद लेते हुए रात भी बितायी जा सकती है। ऐसा कांशीराम कालोनी से लेकर सहसापुर और उस्माइला में हो भी रहा है। सत्य यह भी है कि शहर की कांशीराम कालोनी में कच्ची शराब की भठिठया नही दहक रही है फिर भी यहां पर कच्ची शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर हो रहा है।
कांशीराम कालोनी में कच्ची शराब जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रो से जरीकरनों में भरकर मंगाई जा रही है और उसके बाद यह कच्ची शराब चायवाली पाॅलीथिनों में भरकर ग्राहकों तक पहुंचाई जा रही है। कच्ची शबरा की भठिठयां दहकाने से लेकर शराब की बिक्री का कार्य महिलाएं कर रही है।
आबकारी विभाग में निरीक्षक के पद पर महिलाएं भी तैनात है लेकिन वह शराब के कारोबार से जुड़ी महिलाओं से वसूली करने लगी है ऐसी कई घटनाएं प्रकाश में चुकी है महोली में जिस तरह से महिला आबकारी निरीक्षक ने एक शराब तस्कर महिला के घर घुसकर उसकी पिटाई कर बीस हजार रूपये छीनने का आरोप लगा है वह तो मीडियां की सुर्खियों में रहा और आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है। कच्ची शराब के कारेाबार को रोकने के लिये जिले को करीब आठ सर्किलो में बांटा गया है और आबकारी निरीक्षक भी नियुक्त किये गये है अब अधिकांश निरीक्षक वसूलीबाजी में पड़ गये है तो जनपद में शराब का कारोबार तो फलेगा ही।
जिला आबकारी अधिकारी अपनी सुस्त पड़ी टीम को सक्रिय नही कर पा रहे है तो वही पुलिस महकमें से मात्र 4 दिन के जारी आंकड़ो पर गौर किया जाए तो 6 नवम्बर को 190 लीटर कच्ची शराब,7 नवम्बर को 320 लीटर, 9 नवम्बर को 170 लीटर 10 नवम्बर को 220 लीटर कच्ची शराब को जनपद के थाना कोतवाली देहात, सकरन, कमलापुर, नैमिषारण्य, मछरेहटा, रामपुर कला, सिधौली, रामकोट, रामपुर मथुरा, लहरपुर,तम्बौर, पिसावां, मिश्रिख, मानपुर, कोतवाली नगर, हरगांव, तालगांव, इमलिया सुल्तानपुर, थानगांव, आदि थाना क्षेत्र से थाने की पुलिस द्वारा सक्रियता से कार्यवाही करते हुए कुल 70 तस्करों को बंदी बनाकर यह साबित कर दिया कि वाकई आबकारी विभाग की चाल बेहद सुस्त है आबकारी निरीक्षको पर जो आरोप लग रहे है उनमें कही कहीं से सत्यता झलक रही है। यहां पर यह भी बताना जरूरी है कि जो भी आंकड़े प्रस्तुत किये गये है यह सभी आंकड़े पुलिस द्वारा जारी किए गए है ।