वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का नव्य-भव्य स्वरूप सामने आने व विकास के नित नए कीर्तिमान गढ़ रही काशी में ठाैर बनाने का क्रेज इस वर्ष भी कायम रहा। महंगाई को दरकिनार कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 55 हजार 69 लोगों ने जमीन जायदाद की खरीद-फरोख्त की।
पिछले वर्ष की तुलना में यह आंकड़ा 469 अधिक रहा। विलेख अधिक आने से निबंधन विभाग को पिछले वर्ष के 80,778 लाख रुपये की तुलना में 2130 लाख रुपये से अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है।
काशी में ठौर बनाने का आकर्षण सदा से रहा है। काशीवास के लिए राजा-महाराजा तक आते रहे हैं। इसके गवाह तमाम हवेलियां और विशाल बंगले व भवन हैं। देश आजाद होने के बाद भी आसपास के जिलों से लोग आए और यहां जमीन जायदाद खरीद कर यहां के निवासी हो गए लेकिन इसकी रफ्तार कम थी। अब इसमें तेजी आ गई है।
निबंधन विभाग के मुताबिक शहरी क्षेत्र को इस वर्ष रिंग रोड के आसपास, पिंडरा, रोहनिया, बाबतपुर, रामनगर क्षेत्र में अधिक जमीनों का क्रय विक्रय हुआ।
वर्ष 2019 से सर्किल रेट में नहीं हुआ बदलाव
पिछले 2019 से वाराणसी क्षेत्र के सर्किल रेट में बदलाव नहीं हुआ। बावजूद राजस्व की बढ़ाेत्तरी जारी है। सर्किल रेट में बदलाव न होने की मुख्य वजह परियोजनाओं के लिए जमीनों का अधिग्रहण बताया जा रहा है।
बनारस ही नहीं पूरे प्रदेश की अच्छी स्थिति
स्टांप एवं न्याय पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा कि बनारस ही नहीं पूरे प्रदेश में इस बार निबंधन विभाग से राजस्व की अच्छी प्राप्ति हुई। मुख्यमंत्री योगी की अगुवाई में प्रदेश विकास का नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। पर्यटन समेत अन्य क्षेत्रों में विकास, कानून व्यवस्था में सुधार के कारण बनारस में बाहर से लोग आकर जमीन खरीद रहे हैं। कारोबार शुरू कर रहे हैंं।