आयुष्मान कार्ड से इलाज के नाम पर गोलमाल कर रहे निजी अस्पताल

  • स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से आयुष्मान योजना को लाखों की चोट दे रहे निजी अस्पताल
  • बीते 20 फ़रवरी को पीड़ित मरीज आयुष्मान योजना के हितग्राही रामू ने एपेक्स हॉस्पिटल के खिलाफ संपूर्ण समाधान दिवस में की थी शिकायत
  • शिकायतों के बाद भी आयुष्मान से जुड़े निजी अस्पतालों में सत्यापन नहीं कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीम

राजधानी के बख्शी का तालाब क्षेत्र में संचालित निजी अस्पताल आयुष्मान योजना का गलत फायदा उठा रहे हैं। इसे लेकर शिकायतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग सतर्क नहीं हो रहा है।आयुष्मान कार्ड से मरीजों का इलाज सही हो रहा है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए टीम अस्पतालों में सत्यापन भी नहीं कर रही हैं। जबकि सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आयुष्मान भारत योजना चलाई है।बीकेटी क्षेत्र में इस योजना के तहत लगभग दर्जन भर से अधिक निजी अस्पताल जुड़े हुए हैं। इन अस्पतालों में आयुष्मान योजना के हितग्राहियों का इलाज फ्री में किया जा रहा है। मगर, कुछ निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड से मरीज के तरह-तरह के बिल लगाकर अधिक पैसे निकाल रहे हैं।मरीज का इलाज उसी चिकित्सक ने किया है, साथ ही मरीज का सही में ऑपरेशन हुआ है या फिर सिर्फ कागजों में ही ऑपरेशन दिखाकर ज्यादा पैसे निकाले गए हैं। इसे लेकर एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ द्वारा अस्पतालों में जाकर मरीजों का डाटा भी नहीं देखा जा रहा है।जिससे अस्पताल संचालकों द्वारा खुलेआम मरीजों के फर्जी बिल लगाकर योजना को लाखों की चोट पहुंचाई जा रही है।एपेक्स हॉस्पिटल में रामू की शिकायत पर बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी करते हुए कई खामियां निकाली थी।लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम की छापेमारी को आज चार दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ कोई भी कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की गई है।जांच अधिकारियों से जब कार्रवाई के बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि अभी जांच चल रही है।
सूत्रों के मुताबिक बीकेटी क्षेत्र के निजी अस्पतालों द्वारा आयुष्मान योजना के हितग्राहियों की सामान्य बीमारी में गंभीर बीमारी बताकर आयुष्मान योजना को खुलेआम कमाई का जरिया बनाया जा रहा है।इसी को लेकर आयुष्मान कार्ड धारक पीड़ित रामू ने बीते तहसील दिवस में अधिकारियों के समक्ष अपना दर्द बयां किया था।लेकिन धनबल और अस्पताल संचालक की ऊंची पहुंच के आगे पीड़ित रामू की शिकायत बेमानी साबित हो रही है। बता दें कि बीते तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में पीड़ित मरीज रामू ने बीकेटी स्थित एपेक्स हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ लिखित की थी।पीड़ित मरीज रामू की शिकायत पर एपेक्स हॉस्पिटल में जांच करने गए डाक्टर सब्बन अली ने बताया कि शिकायत के आधार पर जांच में कुछ गड़बड़ी मिली है।मामले की जांच की जा रही है।जांच पूरी हो जाने के बाद हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रामू एक बताया कि वे अस्पताल में 15 फरवरी को भर्ती हुए थे।जहां उनकी कई स्वास्थ्य की जांचे की गई थी और पांच दिन तक अस्पताल में भर्ती रखा गया।उन्होंने बताया कि अस्पताल में डाक्टर द्वारा पर्चे पर सीबीसी, एलएफटी सहित कई जांचे लिखी गई, और उसी पर डाक्टर द्वारा लिखा गया कि इनकी सारी रिपोर्ट नार्मल चाहिए वो भी डिस्चार्ज करने वाली, इसको लेकर शिकायतकर्ता रामू ने अधिकारियों को लिखित शिकायत देकर अस्पताल की जांच की मांग की थी। लेकिन अस्पताल संचालक की ऊंची पहुंच के चलते अभी तक जांच की आंच अस्पताल तक नहीं पहुंची है।रामू ने बताया कि अस्पताल में 11 हजार रुपये का बिल बनाया गया है।स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक निजी अस्पताल आयुष्मान योजना के हितग्राहियों को नि:शुल्क उपचार का झांसा देकर भर्ती करते हैं,और उपचार के व्यय की राशि का बड़ा हिस्सा मरीज से ही वसूल लेते हैं। उसके बाद सरकार को भी चूना लगा लगा रहे हैं। अलग से क्लेम में वह राशि प्राप्त करके दोगुनी कमाई करते हैं।फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की जांच बीकेटी स्थित एपेक्स हॉस्पिटल से शुरु हुई है।फिलहाल अभी जांच चल रही है, लेकिन जांच अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।यदि शिकायतकर्ता पीड़ित मरीज रामू की जांच निष्पक्ष तरीके से की जाती है तो हॉस्पिटल में और भी कई खुलासे हो सकते है।

अगर कोई अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से गलत तरीके से पैसे निकालने का मामला पकड़ में आता है तो अस्पताल को आयुष्मान पैनल से हटाया जाएगा। साथ ही संबंधित अस्पताल पर कार्रवाई की जाएगी।
डा.जेपी सिंह
अधीक्षक सीएचसी
बीकेटी

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