नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से बातचीत की. इस दौरान देश भर से हजारों लाभार्थी कार्यक्रम में शामिल हुए. साथ ही देश भर से दो हजार से अधिक वीबीएसवाई वैन, हजारों कृषि विज्ञान केंद्र और सामान्य सेवा केंद्र भी जुड़ेंगे. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक और स्थानीय स्तर के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘देश की सभी महिलाएं एक ही जाति की हैं. लेकिन कुछ लोग उन्हें बांटने की कोशिश कर रहे हैं
पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरे लिए इस देश का हर गरीब मेरे लिए वीआईपी है. हाल ही में विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित हुए. नतीजे बताते हैं कि लोगों को मोदी की गारंटी पर भरोसा है. मैं उन सभी का आभारी हूं, जिन्होंने मेरी गारंटी पर भरोसा दिखाया. कुछ राजनीतिक पार्टियां यह नहीं समझतीं कि झूठे वादों से उन्हें कुछ नहीं मिल सकता
पीएम मोदी ने कहा, ‘देश भर के गांवों में करोड़ों परिवारों को हमारी सरकार की किसी न किसी योजना से लाभ जरूर हुआ है और जब ये लाभ मिलता है तो आत्मविश्वास बढ़ता है. जीवन जीने की एक नई ताकत आती है.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के ‘विकित भारत संकल्प यात्रा’ के लाभार्थियों में से एक के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत की. उन्होंने कहा, ‘मुझे यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि बड़ी संख्या में लोग ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ में उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरे लिए तो, देश का हर गरीब मेरे लिए VIP है, देश की हर माता-बहन-बेटी मेरे लिए VIP है, देश का हर किसान मेरे लिए VIP है, देश का हर युवा मेरे लिए VIP है. मोदी की गारंटी वाली गाड़ी पहुंचने के बाद लगभग एक लाभ नए लाभार्थियों ने उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन के लिए आवेदन किया है. इस यात्रा के दौरान मौके पर ही 35 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड भी दिए गए हैं
पीएम मोदी ने कहा, ‘यह आपके सेवक का अपने परिवार तक पहुंचने का प्रयास है. आपके गांवों में गाड़ी द्वारा आपके पास आ रहा हूं. मैं इसलिए आ रहा हूं ताकि मैं आपका साथी बन सकूं. आपके सुख-दुख का. ताकि मैं आपकी आशाओं और आकांक्षाओं को समझ सकूं. इसे पूरा करने के लिए मैं सरकार की सारी शक्ति लगा दूंगा!’ पीएम मोदी ने कहा कि अगर विपक्षी दलों ने राजनीति स्वार्थ के बजाये सेवाभाव को सर्वोपरि रखा होता, सेवाभाव को ही अपना काम समझा होता, तो देश की बहुत बड़ी आबादी अभाव में, मुसीबतों में, तकलीफों न रहती