गो आश्रय स्थलों में संरक्षित मवेशियों को सर्दी से बचाने की तैयारी

  • प्रत्येक विकासखंड की गौशालाओं में बनेंगे अतिरिक्त टिन शेड

बाराबंकी। गौ आश्रय स्थलों में संरक्षित मवेशियों को सर्दी से बचाने के लिए जिला अधिकारी के निर्देश पर जिले के पशुपालन विभाग ने सभी विकास खंडो के खण्ड विकास अधिकारी व नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारियों के साथ बैठक कर अभियान को सफल बनाने तैयारी कर ली है। इसके संबंध में जानकारी देते हुए मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ अतुल कुमार अवस्थी ने बताया कि विभाग ने आश्रयस्थलों को तिरपाल से कवर करना शुरू कर दिया है।

इसके आलावा पशुओं को ठंड से बचाने के लिए अलाव का प्रबंध किया गया है। गौवंश की सुरक्षा के लिए विभाग पूरी तरह तैयार है। तकरीबन 05 हजार गौवंश अभी भी आश्रय स्थलों से बाहर है। जिनको विशेष अभियान चलाकर आश्रय स्थलों तक पहुंचाया जा रहा है। जिसमें आज तक 1300 छुट्टा गौवंशो को आश्रयस्थलों तक भेजा जा चुका है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि संबंधित खंड विकास अधिकारियों और अधिशासी अभियंताओं ने इस अभियान को गति देने का काम किया है। वह बताते हैं कि उन्हें आशा है कि संबंधित अधिकारी इस अभियान को सफल बनाकर लक्ष्य के अनुरूप 5 हजार छुट्टा मवेशियों को गो आश्रय स्थलों में संरक्षित करेंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के निर्देश पर जनपद के प्रत्येक विकासखंड में बने गोआश्रय स्थलों में मवेशियों के घनत्व को देखते हुए 150 से 200 मवेशियों की क्षमता वाले टिन शेड बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है।

मुख्य पशुचिकित्साधिकारी की प्राथमिकताएं
जिले में बीती 7 तारीख को आए नवागत मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ अतुल कुमार अवस्थी बताते है कि दिसंबर माह तक शासन व जिलाधिकारी के निर्देश पर चलाए जा रहे छुट्टा मवेशियों के संरक्षण अभियान को लक्ष्य के अनुरूप पूरा करना, सर्दी के दिनों को देखते हुए त्रिपाल और अलाव की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था करना, कृत्रिम गर्भाधान अभियान को गति देना, खुरपका मुंहपका वैक्सीनेशन अभियान को दिसंबर माह के पहले पखवाड़े में शुरुआत करना सहित पशुओं की टैगिंग व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाना उनकी प्राथमिकताओं में है।

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