महानाट्य ‘जाणता राजा’ के मंचन को लेकर तैयारियां शुरू

कुशीनगर । विश्व का अनूठा, अद्भुत और एकमात्र नाटक ‘जाणता राजा’ की प्रस्तुति को लेकर कुशीनगर में भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। सोमवार को कुशीनगर के एक होटल में सांसद विजय दुबे की अध्यक्षता में हुई बैठक में आयोजन से जुड़े लोगों की बैठक में विमर्श हुआ।

आयोजन समिति के संरक्षक हरिद्वार के दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संचालक डॉ. आशीष गौतम ने आयोजन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दशहरा के बाद लखनऊ में यह आयोजन होगा। 300 कलाकार और 100 तकनीशियन समूह की मदद से होने वाले इस कार्यक्रम के दुनिया में 100 से अधिक प्रस्तुतियां हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि इस नाटक को एक साथ कम से कम 20 हजार लोग देख सकें।

सांसद दुबे ने कहा कि देश की महान विभूतियों के बारे में नई पीढ़ी को बताने के लिए नाटक सबसे उचित माध्यम है। जो बात किताबों के जरिये नहीं समझाई जा सकती, वह एक नाटक कुछ ही घंटों में पूरा कर देता है।जब मंचन के जरिये सजीव प्रस्तुत की जाती है तो उसका असर दर्शक के मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ जाता है। नाटक ‘जाणता राजा’ के मंचन का यही उद्देश्य है।

सांसद ने विश्वास दिलाया कि जिले की भरपूर सहभागिता रहेगी। जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रदीप जायसवाल ने कहा कि यह नाटक छत्रपति शिवाजी के जन्म से लेकर छत्रपति बनने तक की ऐतिहासिक गौरव गाथा है। अध्यक्ष प्रतिनिधि ने कहा कि देश की संस्कृति को संजोने के इस अभिनव प्रयास में जनपद अग्रणी रहेगा।

जाणता राजा यानी बुद्धिमान राजा

बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे लिखित नाटक ‘जाणता राजा’ मराठी नाम है जिसका मतलब होता है बुद्धिमान राजा यानी जो सब जानता हो और सबको जानता हो। नाटक का मंचन करने के हफ्तों पहले इसकी तैयारी शुरू हो जाती है क्योंकि नाटक में स्थानीय कलाकारों से लेकर इस नाटक के मुख्य पात्र निभाने वाले कलाकारों के बीच एक अद्भुत संयोजन की आवश्यकता होती है।

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