गर्भवती महिला को स्वास्थ के कर्मचारी मुख्यालय रेफर कर रहे है मामला सीएमओ तक पहुंचा

बदायूंं। सीएचसी और पीएचसी में इस समय प्रसव कराने के बजाय गंभीर बताकर महिलाओं को रेफर करने का खेल खूब चल रहा है। ऐसे में कई मामलों में एंबुलेंस में प्रसव हो जाने की कई घटनाएं सामने आई हैं।
विकास खंड वजीरगंज के गांव पुन्नापुर निवासी ओमकार ने पत्नी गोमती को 25 जनवरी को प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी सैदपुर पर भर्ती कराया था। महिला की तबीयत खराब बताकर स्टॉफ ने उसे महिला अस्पताल रेफर कर दिया। उसके लिए एंबुलेंस भी बुला ली गई। परिजन महिला तो बदायूं ले जा रहे थे कि रास्ते में ही तेज प्रसव पीड़ा हुई। एंबुलेंस में तैनात ईएमटी ने महिला को संभाला और एंबुलेंस में ही प्रसव कराया। बाद में ईएमटी ने जच्चा-बच्चा को महिला अस्पताल ले जाकर भर्ती करा दिया।

29 जनवरी को लहरा लाड़पुर निवासी शाकिर ने पत्नी शबाना को सीएचसी पर भर्ती कराया। वहां तैनात स्टाफ ने कहा कि बच्चा उलटा है और दोनों की जान का खतरा है। गर्भवती दर्द से तड़प रही थी, तो उसे महिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। एंबुलेंस से उसको बदायूं के महिला अस्पताल लाया जा रहा था कि हालत खराब होने पर ईएमटी ने रास्ते में महिला को संभाला और सामान्य प्रसव कराने के बाद महिला अस्पताल में शिफ्ट कराया। यह तो कुछ उदाहरण हैं, इसके अलावा भी कई मामले सामने आ चुके हैं।

पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं

जिले में इस तरह की घटनाएं नई बात नहीं हैं। यहां हर माह दस से 15 गर्भवती महिलाओं को इसी तरह रेफर किया जा चुका है। मंगलवार को स्वास्थ्य समीक्षा बैठक में कम प्रसव होने की पोल खुली तो डीएम ने तीन एमओआईसी को फटकार लगाते हुए उसका कारण भी पूछा था।

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