गरीबी जो न करा दे…आजमगढ़ में दाह संस्कार के शव जाते समय रोती बिलखती महिलाएं

आजमगढ़। चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन दीदारगंज क्षेत्र के ग्राम कुशलगांव में पानी से भरे तालाब में डूबने से चार मासूमों की मौत ने इलाके के लोगों को हिला कर रख दिया है। एक तरफ जहां इस घटना से क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है, वहीं हादसे में मृत बच्चों के परिवार में दूसरे दिन गुरुवार को भी चीख-पुकार मची हुई है। गांव में भी मातम छाया हुआ है।

नियति की क्रूरता को लोग कोसते रहे

रात में शव पहुंचा और अंतिम संस्कार किए जाने की तैयारी चल रही है। बाहर रहने वाले सभी के स्वजन भी पहुंच गए हैं। गरीबी जो न करा दे। इन दिनों गेंहू के फसल की मड़ाई का कार्य जोरों पर है।

तमाम गरीब परिवारों के लोग बच्चों के साथ जुटे हैं। ऐसे में हार्वेस्टर मशीन से फसलों की कटाई के दौरान खाली खेत में गिरी गेहूं की बालियां बटोरने की लालसा ने इन बच्चों को भी स्कूल जाने से रोक लिया तो शायद काल की नियति ने स्वजन को भी उनके हां में हां मिलवाने के लिए बाध्य किया। बच्चों को क्या पता था कि वह बाली बीनने नहीं बल्कि काल के गाल में समाने जा रहे हैं।

बता दें कि आजमगढ़ में बुधवार को दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां चार बच्चों की पानी में डूबने से मौत हो गई। दीदारगंज थाना क्षेत्र के कुशल गांव में बुधवार को खेत में गेहूं की बाली बीनने निकले दो सगे भाइयों समेत चार बच्चों की पोखर में नहाते समय डूबने से मौत हो गई।

मृतकों में सगे भाई 10 वर्षीय राजकुंवर उर्फ समर, सात वर्षीय राजकुमार उर्फ कल्लू के अलावा पड़ोस के चार वर्षीय यश और सात वर्षीय अंश हैं। आनन-फानन चारों को जौनपुर जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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