इन्हौना अमेठी। डाकघरों में पोस्टल आर्डर अब भूले बिसरे दिनों की बातें हो चुकी है। लंबे समय से पोस्टल आर्डर डाकघरों में नहीं पहुंचा है। जिसके कारण जरूरतमंद लोग भटक रहे हैं। डाकघरों से पोस्टल आर्डर की मांग किए जाने के बाद भी इसकी आपूर्ति नहीं हो रही है।
डाक घरों में पोस्टल ऑर्डर ही नहीं है। इन्हौना ही नहीं बल्कि तिलोई, सेमरौता, कठौरा , जगदीशपुर, शुक्ल बाजार, गौरीगंज अमेठी समेत प्रदेश के अधिकांश जिलों में 1 से 10 और 20 से 50 रुपए तक के पोस्टल ऑर्डर की कमी है। इसके लिए सभी डाकघरों से हर महीने एक मांग पत्र और दो रिमाइंडर भेजने के बाद भी पोस्टल ऑर्डर नहीं भेजे जा रहे हैं।डाक घर के अफसर कीमत से ज्यादा प्रिंटिंग पर खर्च होने की बात कह रहे हैं। इसकी जगह पर जल्द ई- पोस्टल ऑर्डर की सेवा भी शुरू होने की बात कही जा रही है, लेकिन यह कब शुरू होगी और कैसे उपभोक्ता इसका लाभ ले सकेंगे, इसे लेकर अब तक कोई लिखित आदेश या फिर जानकारी अफसरों को नहीं दी गई है, यही वजह है कि वे डिमांड के अनुरूप सामान कार्यालय को भेज रहे हैं। इसकी जानकारी ऊपर चीफ पोस्ट मास्टर कार्यालय अमेठी व रायबरेली को भी नियमित रूप से दी जा रही है। बताया जा रहा है कि एक रुपए के पोस्टल ऑर्डर पर डाक विभाग 50 प्रतिशत यानी 50 पैसे चार्ज करती है, जबकि 10 रुपए से अधिक के पोस्टल ऑर्डर पर डाक विभाग एक प्रतिशत चार्ज उपभोक्ताओं को देना पड़ता है। पोस्टल ऑर्डर की उपयोगिता वर्तमान में सबसे ज्यादा आरटीआई एक्टिविस्ट के अलावा अधिवक्ता और स्टूडेंट्स को होती है। आरटीआई में 10 रुपए के पोस्टल ऑर्डर आवेदन के साथ देना होता है। इसी तरह वैकेंसी व स्कूल कॉलेजों में प्रवेश के लिए पोस्टल ऑर्डर स्टूडेंट्स को देने पड़ते हैं। पांच साल पहले तक रेलवे के अधिकांश पदों के लिए पोस्टल ऑर्डर देने पड़ते थे। पोस्टल आर्डर नहीं मिलने से इस वर्ग के लोगों को सबसे अधिक परेशानी हो रही। जियापुर निवासी पवन कुमार मौर्य एडवोकेट पत्रकार ने बताया कि डाकघर में लगभग एक वर्ष से पोस्टल आर्डर गायब है लेकिन डाक विभाग इस समस्या पर ध्यान देना उचित नहीं समझ रहा है , कमरौली निवासी उमेश कुमार शर्मा जनलिस्ट ने बताया कि जिले के तमाम डाकघरो में पोस्टल आर्डर गायब है लेकिन विभाग चुप्पी साधे हुए हैं ।