दिल्ली-NCR में बढ़ने लगा प्रदूषण, आसमान में छाई स्मॉग की चादर…

नोएडा। औद्योगिक नगरी में विजयादशमी से पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा के इलाकों की हवा खराब और बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों को देखे रविवार सुबह दस बजे नोएडा के तीन इलाकों की हवा खराब व एक इलाके की हवा बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई।

ग्रेटर नोएडा के दो इलाकों की हवा बहुत खराब दर्ज की गई। दोपहर 12 बजे तक न्यूनतम दृश्यता 300 मीटर तक रही। लोगों को धुंध, स्मॉग की चादर छाने से शहरी की बिल्डिंग धुंधली नजर आई। औद्योगिक नगरी जल्द प्रदूषण भरे दिनों की शुरुआत हो सकती है।

अनुमान है कि हवा की रफ्तार कम होने के चलते आने वाले चार-पांच दिनों के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) सभी इलाकों में 300 पार यानी बहुत खराब श्रेणी में रह सकता है। प्रदूषण के हालात शहर में इस कदर खतरनाक हैं कि बेहद सूक्ष्म कणों की मात्रा सामान्य से कई गुना से ज्यादा हैं तो कार्बन मोनोक्सॉइड की मात्रा भी कई गुना तक ज्यादा चल रही है।

शहर में जिन जगह पर खोदाई और निर्माण गतिविधियां चल रही हैं। उन जगहों पर प्रदूषण रिकॉर्ड तोड़ स्थिति में है। सेवन एक्स के पास कई जगह सीवर, पानी की खोदाई के बाद सड़कों का निर्माण न होने के कारण धूल के गुबार उड़ रहे हैं। धूल, कचरा जलाने, ट्रैफिक जाम वातावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ा रहा है। सूक्ष्म कण पेड़, पौधे, सड़क आदि पर जमा हैं। ट्रैफिक जाम से मुक्ति, सड़कों की धूल कम करने के लिए पानी का छिड़काव आदि कदमों को तुरंत उठाने की जरूरत है।

24 अक्टूबर से छा सकती है धुंध
औद्योगिक नगरी में 28 अक्टूबर तक अधिकतम तापमान स्थिर रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार सुबह- शाम की हल्की नमी बरकरार रहेगी। दो दिनों तक बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। 24 अक्टूबर से धुंध छा सकती है। रविवार को सुबह नमी के बाद तेज धूप खिली। अधिकतम तापमान 32 डिग्री, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर पर 16 डिग्री सेल्सियस रहा। आर्द्रता का अधिकतम प्रतिशत 99 रहा।

फिजीशियन डॉ. प्रदीप शैलत का कहना है कि जुकाम होना, सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, खांसी, टीबी और गले में में इंफेक्शन, साइनस, अस्थमा एवं फेफड़ों के मरीजों को प्रदूषण से परेशानी बढ़ जाती है। घर से बाहर निकलते वक्त हमेशा मुंह पर मास्क का उपयोग करें। आखों पर चश्मा भी लगाएं।

वायु की गुणवत्ता का पैमाना
आपको बता दें कि हवा की गुणवत्ता को मापने के लिए सीपीसीबी ने मानक तय किए हैं, जिसके तहत 0-50 के बीच एक्यूआइ का मतलब ‘अच्छा’ यानि हवा को साफ माना जाता है। 51-100 के बीच मतलब वायु की शुद्धता ‘संतोषजनक’ होती है। 101-200 के बीच ‘मध्यम’ होती है। 201-300 के बीच ‘खराब’ होती है। 301-400 के बीच ’बेहद खराब’ होती है। 401 से 500 के बीच ’गंभीर श्रेणी’ में माना जाता है।

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