जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों ने डेरा की गली पुंछ में तीन नागरिकों की हिरासत में हत्या की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, जिन्हें कथित तौर पर आतंकवादी हमले में पुंछ में पांच सैनिकों की हत्या के बाद शुक्रवार को सेना द्वारा उठाया गया था। इस घटना की जांच की मांग को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और अपनी पार्टी ने भी श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन किया।
दोनों दलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पार्टी मुख्यालय से विरोध प्रदर्शन किया और हिरासत के दौरान नागरिकों की हत्या में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। एनसी के विरोध का नेतृत्व पार्टी महासचिव अली मोहम्मद सगर ने किया, अपनी पार्टी के विरोध का नेतृत्व पूर्व मंत्री अशरफ मीर ने किया। घटना को गंभीरता से लेते हुए सेना ने एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी का तबादला कर दिया गया और 48 राष्ट्रीय राइफल्स के तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हिरासत में आम नागरिकों को यातना दिए जाने के आरोप लगे, जिसके बाद जनता में आक्रोश देखने को मिला।
इक्कीस दिसंबर को पुंछ के सुरनकोट इलाके में ढेरा की गली और बफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों के वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में सैनिकों की जान चली गई। हमले के बाद सेना ने 27 से 42 वर्ष की आयु के तीन आम नागरिकों को पूछताछ के लिए कथित तौर पर हिरासत में लिया था और वे तीनों 22 दिसंबर को मृत पाए गए। कथित तौर पर उन्हें यातना दिए जाने संबंधी कुछ वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर आए थे।