नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर आयोजित पहले भारतीय कला, वास्तुकला और डिजाइन द्विवार्षिक 2023 का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जब भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है, तो हर कोई इसमें अपने लिए बेहतर भविष्य देख सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत की आर्थिक वृद्धि पूरी दुनिया के विकास से जुड़ी हुई है और ‘आत्मनिर्भर भारत’ का विजन नए अवसर ला रहा है.”
वैश्विक पहचान मिलनी चाहिए
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार वैश्विक सांस्कृतिक पहल को संस्थागत बनाने और वेनिस, लंदन तथा साओ पाउलो जैसे शहरों में इसी तरह के आयोजनों की तर्ज पर एक आधुनिक प्रणाली विकसित करने के लिए काम कर रही है. अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि ऐसे आयोजनों को दुनिया के कुछ शहरों में इसी तरह के कार्यक्रमों के रूप में वैश्विक पहचान मिलनी चाहिए.
गर्व की भावना
उन्होंने संस्कृति, वास्तुकला और कलाकृति क्षेत्र में देश के समृद्ध प्राचीन इतिहास का हवाला दिया और काशी, केदारनाथ तथा महाकाल लोक जैसे धार्मिक स्थानों के विकास एवं नवीकरण का उदाहरण देते हुए कहा कि भारतीय कला और वास्तुकला से जुड़े स्थानों को विकसित करने के लिए गर्व की भावना के साथ बहुत काम हो रहा है.
भारत की विरासत और समृद्ध संस्कृति दुनिया को करती आकर्षित
पीएम ने कहा कि भारत की विविध विरासत और समृद्ध संस्कृति पूरी दुनिया को आकर्षित करती है. जब दुनिया भर में भारत की आर्थिक समृद्धि की चर्चा होती थी, उस गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां की संस्कृति और विरासत आज भी दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करती है. इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने लाल किले में ‘आत्मनिर्भर भारत सेंटर फॉर डिजाइन’ और छात्र बिएनले-समुन्नति का उद्घाटन किया. उन्होंने एक स्मारक डाक टिकट भी लॉन्च किया.
सांस्कृतिक समृद्धि में नए आयाम
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत की जीवंत संस्कृति और प्राचीन विरासत दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करती है.’उन्होंने कहा, ‘आज, ‘विरासत पर गौरव’ की भावना के साथ, देश फिर से इसे आगे बढ़ा रहा है. ‘आजादी का अमृत काल’ में, भारत सांस्कृतिक समृद्धि में नए आयाम गढ़ रहा है, इसके लिए ठोस कदम उठा रहा है. भारत में आयोजित होने वाला यह बिएननेल उस दिशा में एक और बड़ा कदम है.’
इतिहास और मूल्यों का प्रतीक
उन्होंने कहा कि हर देश के अपने ऐतिहासिक स्थल होते हैं जो उसके इतिहास और मूल्यों का प्रतीक होते हैं और राजधानी दिल्ली में भी ऐसे कई प्रतीक हैं.यह उल्लेख करते हुए कि भारत सर्वाधिक विविधता वाला देश है, उन्होंने कहा कि कला और संस्कृति विविधता के साथ-साथ एकता के स्रोत रहे हैं, जो लोगों को जोड़ते भी हैं और सद्भाव भी फैलाते हैं.
सात दिवसीय आईएएडीबी होगा समाप्त
इस बिएननेल का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है, जिसने इस साल की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय प्रदर्शनी, जिसका उद्घाटन मोदी ने किया था, और पुस्तकालय महोत्सव का भी आयोजन किया था.