नई दिल्ली। हर साल 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है. यह दिन पाकिस्तानी सेना पर भारतीय नौसेनी की जीत के लिए याद किया जाता है. यह दिन 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना के ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की उपलब्धियों को याद करने के लिए भी मनाया जाता है. भारतीय नौसेना 1971 के युद्ध के दौरान कराची बंदरगाह पर नौसेना के दुस्साहसिक हमले “ऑपरेशन ट्राइडेंट” की याद में 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाती है. इस वर्ष भारतीय नौसेना 4 दिसंबर को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग किले में एक ऑपरेशनल प्रदर्शन के साथ नौसेना दिवस मनाएगी.
भारतीय नौसेना के जवान, जिन्हें हम जल प्रहरी कह सकते हैं, वह जल मार्ग की सुरक्षा में मुस्तैद रहे. दुश्मन में समझ गए कि इस मार्ग से आक्रमण संभव नहीं. भारतीय नौसेना की इसी उपलब्धि, साहस के कारण देशवासी उन्हें सलाम करने के लिए आज के दिन भारतीय नौसेना दिवस के तौर पर मनाते हैं. भारतीय नौसेना दिवस के मौके पर जानें इस दिन का इतिहास और महत्व.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारतीय नौसेना 4 दिसंबर, 2023 को भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर प्रतिष्ठित सिंधुदुर्ग किले में जहाजों और विमानों द्वारा नौसैनिक संचालन के एक स्पेक्ट्रम को कवर करते हुए एक ‘ऑपरेशनल प्रदर्शन’ के माध्यम से अपनी कौशल और क्षमताओं का प्रदर्शन करेगी. यह कार्यक्रम एडमिरल द्वारा आयोजित किया जाएगा. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी भी मौजूद रहेंगे. नौसेना स्टाफ के प्रमुख आर हरि कुमार को केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, सैन्य गणमान्य व्यक्ति और स्थानीय लोग तारकरली समुद्र तट से देखेंगे.
सिंधुदुर्ग किला 1660 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने बनाया था. नौसेना दिवस पर शिवाजी महाराज के प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा. पहली बार नौसेना का इतना बड़ा कार्यक्रम नौसेना बेस पर नहीं होगा. इस कार्यक्रम में 40 विमानों के साथ 20 युद्धपोतों की भागीदारी देखी जाएगी, जिसमें मिग 29K और एलसीए नौसेना शामिल होंगे, जो एक प्रमुख आकर्षण के रूप में होंगे, साथ ही युद्धक समुद्र तट टोही और भारतीय नौसेना के समुद्री कमांडो द्वारा एक हमले का डेमो भी होगा. इस वर्ष भारतीय नौसेना 4 दिसंबर को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग किले में एक ऑपरेशनल प्रदर्शन के साथ नौसेना दिवस मनाएगी.