गाजियाबाद। पीएम नरेंद्र मोदी ने जो नए भारत की संकल्पना की है, उस दिशा में देश नमो भारत ट्रेन (RapidX) के रूप में आज एक कदम और आगे बढ़ने जा रहा है। यह ट्रेन न सिर्फ एनसीआर के लोगों को तेज रफ्तार सुरक्षित सफर उपलब्ध कराएगी, बल्कि प्रदूषण के खिलाफ जंग में भी मददगार बनेगी। दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में इसका परिचालन शुरु होने के बाद करीब एक लाख वाहनों का दबाव एनसीआर में कम होगा।
63 प्रतिशत तक हो जाएगी सार्वजनिक परिवहन की हिस्सेदारी
सार्वजनिक परिवहन के साधनों का उपयोग 37 प्रतिशत से बढ़कर 63 प्रतिशत हो जाएगा। रोजाना आठ लाख लोग रैपिडएक्स ट्रेनों में सफर करेंगे। ऐसे में प्रतिवर्ष 2.50 टन कार्बन-डाई-आक्साइड उत्सर्जन में कमी आने का अनुमान है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम ने दुहाई डिपो में 585 किलोवाट की क्षमता वाला सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया है। जो डिपो को ग्रीन डिपो के रूप में स्थापित करता है। इस सौर संयंत्र से प्रत्येक साल 6.66 लाख यूनिट सौर ऊर्जा उत्पन्न होने का अनुमान है।
कार्बन-डाई-ऑक्साइड का उत्सर्जन 615 टन कम होने की उम्मीद
इस संयंत्र से प्रतिवर्ष 615 टन कार्बन-डाई-ऑक्साइड उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है। एनसीआरटीसी ने स्टेशनों और डिपो के डिजाइन और वायाडक्ट के किनारे रिचार्ज पिट या वर्षा जल संचयन संरचनाओं का प्रावधान किया गया है। ये संरचनाएं वर्षा जल को एकत्रित करने एक टैंक में संग्रहित करेंगी। इससे काफी मात्रा में पानी बचाने में मदद मिलेगी।
रैपिडएक्स ट्रेन प्रोजेक्ट पर एक नजर
1998 में इंडियन रेलवे ने आरआरटीएस कारिडोर की स्थापना संभावित की
2009 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्लानिंग बोर्ड ने आठ आरआरटीएस कारिडोर का प्लान तैयार किया
ये हैं आठ कॉरिडोर
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर – 82 किलोमीटर
दिल्ली-गुरुग्राम-अलवर कारिडोर – 198 किलोमीटर
दिल्ली-पानीपत कारिडोर – 103 किलोमीटर
दिल्ली-फरीदाबाद-बल्लभगढ़- पलवल कारिडोर
गाजियाबाद- खुर्जा कारिडोर
दिल्ली-बहादुरगढ़-रोहतक कारिडोर
गाजियाबाद- हापुड़ कारिडोर
दिल्ली-शाहदरा-बडौत कारिडोर
ऐसे आगे बढ़ा प्रोजेक्ट
2011 में मिनिस्ट्री आफ अर्बन डेवलपमेंट एंड नेशनल कैपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड, भारत सरकार और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बीच एमओयू हुआ।
2013-14 में नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन लिमिटेड का पंजीकरण हुआ।
2016 में पहले तीन कारिडोर के लिए रेलवे अफसर विनय कुमार सिंह को एनसीआरटीसी में मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया।
फरवरी 2017 में केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने एनसीआरटीसी का लोगाे और टैग लाइन जारी की।
आठ मार्च 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर का शिलान्यास किया।
तीन जून 2019 को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर पर सिविल निर्माण कार्य शुरू किया गया।
दिसंबर 2019 में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर के लिए गुलधर में पहले पिलर का निर्माण हुआ।
नवंबर 2020 में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर के लिए न्यू डेवलपमेंट बैंक से लोन एग्रीमेंट हुआ।
अप्रैल 2021 में आरआरटीएस कारिडोर पर ट्रैक बिछाने का कार्य शुरू किया गया।
जुलाई 2021 में गुजरात में रैपिडएक्स ट्रेन की मैन्यूफैक्चरिंग का कार्य शुरू हुआ।
दिसंबर 2021 में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर में पहले स्पेशन स्टील स्पैन को स्थापित किया गया।
मार्च 2022 में रैपिडएक्स ट्रेन के कोच की झलक दिखाई गई।
सात मई 2022 को पहली रैपिडएक्स ट्रेन एनसीआरटीसी को मिली।
रैपिडएक्स ट्रेन की खासियत
प्रत्येक रैपिडएक्स ट्रेन में छह कोच होंगे, एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा।
रैपिडएक्स ट्रेन की अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रतिघंटा, ट्रेन परिचालन की स्पीड 160 किलोमीटर प्रतिघंटा और औसत स्पीड 100 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी।
ट्रेन के अंदर सामान रखने के लिए रैक, सीसीटीवी कैमरे, चार्जिंग सुविधा होगी।
ट्रेन का परिचालन यात्रियों के लिए 21 अक्टूबर से सुबह छह बजे से रात 11 बजे तक होगा।
प्रत्येक स्टेशन पर 15 मिनट के अंतराल पर ट्रेन आएगी।
रैपिडएक्स के प्रत्येक स्टैंडर्ड कोच में 72 और प्रीमियम कोच में 62 यात्रियों के लिए सीट है।
प्रत्येक कोच में महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए सीटें आरक्षित होंगी।
रैपिडएक्स ट्रेन के दरवाजे ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचने पर बटन दबाने से खुलेंगे।
यात्री पेपर क्यूआर कोड, टिकट वेंडिग मशीन, एनसीएमसी कार्ड, रैपिडएक्स कनेक्ट एप, टिकट काउंटर से टिकट ले सकेंगे।