नई दिल्ली। अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। आज एक आधिकारिक बयान के मुताबिक भारत और न्यूजीलैंड (India-New Zealand Trade) ने आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए व्यापार बाधाओं को कम करने और अधिक निवेशक-अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के उपायों पर चर्चा की है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के उनके समकक्ष टॉड मैक्ले ने इन मुद्दों पर चर्चा की है। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा,
दोनों मंत्रियों ने व्यापार सुविधा के महत्व को पहचाना और व्यापार प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, व्यापार बाधाओं को कम करने और दोनों देशों के व्यवसायों और निवेशकों के लिए अधिक अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के उपायों पर चर्चा की।
न्यूजीलैंड ने भारत की कि सराहना
न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री ने भारत में लकड़ी के लट्ठों के निर्यात से संबंधित मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। न्यूजीलैंड ने कहा,
कृषि, वानिकी, फार्मा, कनेक्टिविटी, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में जुड़ाव को गहरा करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला
पिछले वित्त वर्ष कितना रहा था ट्रेड?
पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार एक अरब अमेरिकी डॉलर रहा था। इसके अलावा भारत ईयू, यूके, श्रीलंका और पेरू के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की बात भी कर रहा है। आपको बता दें कि भारत और ईयू के बीच औपचारिक रूप से 17 जून, 2022 को दोबारा एफटीए वार्ता शुरू की गई थी।
क्या है FTA?
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) दो या दो से अधिक देशों के बीच उनके बीच आयात और निर्यात की बाधाओं को कम करने के लिए एक समझौता होता है।
इसके तहत दोनों देश एक दूसरे के आयात और निर्यात प्रोडक्ट और सर्विस पर कोई टैरिफ नहीं लेते या फिर नामात्र का चार्ज लेते हैं जिससे दोनों देशों का व्यापारिक संबंध और बढ़ सके।