नई दिल्ली : सर्दी, जुकाम, बुखार और हल्का-फुल्का दर्द ठीक करने के लिए पेरासिटामोल का सेवन किया जाता है। आमतौर पर शरीर में थोड़ी भी हरारत होने पर इस दवाई का सेवन कर लेते है, जो सही नहीं है। अब विशेषज्ञों ने इस दवाई के इस्तेमाल को लेकर चेतवानी जारी की है। विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार पेरासिटामोल का सेवन करना गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों का कारण बन सकता है। इतना ही नहीं हाल ही में हुए एक शोध में पेरासिटामोल खाने से लीवर को होने वाले नुकसानों के बारे में पता चला है।
एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पेरासिटामोल के प्रभाव का अध्ययन किया। उन्होंने चूहों पर पेरासिटामोल लेने के प्रभावों को देखा और निष्कर्ष निकाला कि यह लिवर के खराब होने की बड़ी वजह है। जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में शोध के निष्कर्षों को प्रकाशित किया गया है। निष्कर्षों से पता चला है कि पेरासिटामोल उन संरचनात्मक जंक्शनों में हस्तक्षेप करके लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है, जो लिवर में पड़ोसी कोशिकाओं के समुचित कार्य के लिए आवश्यक हैं। हालाँकि, ये कुछ परिस्थितियों के लिए ही है।
अध्ययन में कहा गया है, ‘एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने मानव और चूहे के टिश्यू में लिवर सेल्स पर पेरासिटामोल के प्रभाव का अध्ययन किया। परीक्षणों से पता चला कि कुछ सेटिंग्स में, पेरासिटामोल अंग में आसन्न कोशिकाओं के बीच महत्वपूर्ण संरचनात्मक कनेक्शन को नुकसान पहुंचाकर लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। जब ये कोशिका आपस में मिलती है, जिसे टाइट जंक्शन के रूप में जाना जाता है, बाधित हो जाती हैं। इससे लिवर के टिश्यू संरचना क्षतिग्रस्त हो जाता है, कोशिकाएं ठीक से काम करने में असमर्थ हो जाती हैं और वे मर सकती हैं।’