आंबेडकर जयंती के दौरान निकाले जुलूस को पुलिस के रुकवाने पर भड़के लोग

कल्याणपुर। मसवानपुर में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जयंती के मौके पर निकल रहे जुलूस और शोभायात्रा को पुलिस ने आचार संहिता का हवाला देते हुए अनुमति से अधिक गाड़ियां और साउंड सिस्टम होने के कारण रोक दिया। इसके बाद भड़के जुलूस में शामिल लोगों ने हंगामा किया और मौके पर बैठकर धरना देने लगे।

सूचना पर एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडे व डीसीपी पश्चिम विजय ढुल पहुंचे और हंगामा कर रहे लोगों को समझाया। अंत में निर्धारित तीन गाड़ियां और प्रत्येक गाड़ी पर दो साउंड सिस्टम की बात पर लोग मान गए। बाद में समाजवादी पार्टी के नेता सम्राट विकास भी मौके पर पहुंचे।

कल्याणपुर थाना क्षेत्र के मसवानपुर में भारतीय बौद्ध महासभा द्वारा कई वर्षों से आंबेडकर जयंती के मौके पर जुलूस निकाला जाता है।

जुलूस रुकवाने पर भड़के लोग
रविवार को भीमराव अंबेडकर जयंती के मौके पर सुबह 10:00 बजे जैसे ही जुलूस में शामिल 15 से 20 गाड़ियां और लोग आगे बढ़े, पुलिस ने आचार संहिता उल्लंघन का हवाला देते हुए जुलूस में अनुमति से अधिक गाड़ियां और साउंड सिस्टम होने की बात कह कर जुलूस रुकवा दिया। जिस पर जुलूस में शामिल लोग भड़क गए और हंगामा करते हुए धरना देने लगे।

शर्तों के साथ जुलूस निकालने की अनुमति
सूचना मिलते ही कल्याणपुर एसीपी अभिषेक पांडे और डीपी पश्चिम विजय ढुल मौके पर पहुंचे और धरना दे रहे लोगों को समझाकर धरना खत्म कराया। जुलूस में निर्धारित तीन गाड़ियां और प्रत्येक गाड़ी पर दो साउंड सिस्टम से ज्यादा लगाकर ना चलने की सहमति पर पुलिस ने जुलूस निकालने की अनुमति दी। बाद में समाजवादी पार्टी के नेता सम्राट विकास भी मौके पर पहुंचे।

इस बार प्रशासन ने जुलूस को रोका
संगठन महासचिव मुकेश कनौजिया ने बताया कि प्रत्येक वर्ष इसकी परमिशन लेते हैं और 15 से 20 गाड़ियों का जुलूस निकलता है। इस बार जुलूस को प्रशासन ने रोक दिया।

वही डीसीपी विजय ढुल ने बताया कि जुलूस में निर्धारित नियम से अतिरिक्त गाड़ियां और ध्वनि तीव्रता होने पर लोगों को समझाया गया था। लोगों ने बात को समझा और जुलूस नियम के मुताबिक निकालने पर सहमत हुए।

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