शामली जनपद में गन्ने का भुगतान नहीं होने से 300 बेटियों की शादी अटक गई है. 210 से ज्यादा किसानों को बीमारी ने घेर लिया है. गन्ना किसानों को बच्चों की स्कूल फीस देने के भी लाले पड़ गए हैं. दो हजार से ज्यादा किसानों ने बच्चों की फीस अदा नहीं की है. गन्ना समिति के आंकड़े किसानों का दर्द बयां कर रहे हैं. शुगर मिल परिसर में पिछले 92 दिनों से डेरा जमाए किसानों का दर्द सुननेवाला कोई नहीं है. जनपद शामली में किसानों का गन्ना मिलों पर 338 करोड़ रुपए बकाया है. किसान खेत छोड़कर धरना देने को गन्ना मिल परिसर में मजबूर हैं. बकाया भुगतान की मांग के लिए 21 अगस्त से धरनारत किसानों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है.
31 अगस्त से गन्ना किसानों का चल रहा धरना
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना नगदी फसल है. नगदी फसल को बेचकर किसान परिवार का पेट पालते हैं. पिछले कई वर्षों से समय पर गन्ने का भुगतान नहीं होने की समस्या बरकरार है. शामली शुगर मिल पर किसानों का 221 करोड़ रुपए, गूगल शुगर मिल पर 60 करोड़ और थाना भवन शुगर मिल पर 60 करोड़ बकाया है. गन्ने का बकाया भुगतान नहीं होने के कारण किसानों की बेटियों की शादी खटाई में पड़ गई है. पीड़ित किसानों ने गन्ना समिति में बकाया भुगतान करने के लिए अर्जी दी हुई है.
पैसे के अभाव में बेटियों की शादी पर आफत
गन्ने की पेराई का अगला सीजन चालू हो गया है. किसानों का मानना है कि पिछला बकाया भुगतान नहीं होने पर आगामी सत्र में भी गारंटी नहीं है. उन्होंने शुगर मिलों को गन्ना देने की बजाय खेत में जलाने की चेतावनी दी है. करीब 210 से ज्यादा किसानों को असाध्य बीमारी ने घेर लिया है. इलाज कराने के लिए भी गन्ना समिति में अर्जी देकर भुगतान की गुहार लगाई गई है. टिटौली गांव के रहने वाले सुरेंद्र किसान की बहू रीना और पोता बीमारी से ग्रसित हैं. परिवार के पास इलाज कराने का पैसा नहीं है.
BJP को भुगतना पड़ा था गुस्से का खामियाजा
गन्ना किसान सुरेंद्र का लगभग 5:30 लख रुपए गन्ने बकाया है. किसानों के बच्चों को स्कूलों में भी जलील होना पड़ रहा है. दो हजार से ज्यादा किसानों के बच्चों ने स्कूल की फीस जमा नहीं की है. उन्होंने सरकार पर समस्याओं से आंख मूंदने का आरोप लगाया. भैंसवाल बैसवाल गांव के रहने वाले विनोद की बेटी की शादी 26 नवंबर को है. बकाया भुगतान नहीं होने की वजह से शादी पर संकट मंडरा रहा है. शादी की तारीख को आगे बढ़ाने से वर पक्ष ने मना कर दिया. ऐसी स्थिति में विनोद ने कर्ज लेकर बेटी को विदा करने का फैसला किया है.
पिछले विधानसभा चुनाव में गन्ना भुगतान नहीं होने का खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ा था. बीजेपी शामली में तीनों सीट हार गई थी. खुद प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा थाना भवन विधानसभा सीट गंवा चुके थे. इसके बावजूद भी सरकार ने जनपद में स्थित तीनों गन्ना मिलों से भुगतान कराने का ठोस प्रयास नहीं किया. अब किसान सरकार की नाराजगी समझें या मिल मालिकों की लापरवाही. भुगतान में देरी होने का सारा दोष किसान बीजेपी सरकार पर मढ़ रहे हैं.