नई टिहरी । स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, टिहरी के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व पंचायतों के पुरोधा नेता दिवंगत भूदेव लखेड़ा की 98वीं जयंती पर जिला पंचायत सभागार में कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें भावपूर्ण स्मरण करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। इस मौके पर पंचायतों के बेहतर काम करने एक दर्जन पंचायत प्रतिनिधियों को पंचायत श्री सम्मान से नवाजा गया।
विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी भूदेव लखेड़ा जनपद टिहरी गढ़वाल स्मृति मंच ने स्व भूदेव लखेड़ा की जयंती को पंचायत श्री सम्मान समारोह के रूप में मनाते हुए पंचायत श्री सम्मान से जिला पंचायत के उपाध्यक्ष रहे राजेंद्र सिंह असवाल, पूर्व जिपंस देवी सिंह पंवार, जिपंस सनवीर बेलवाल, पूर्व ज्येष्ठ उप प्रमुख चंबा नरेंद्र चंद रमोला, पूर्व क्षेपंस राजेश नौटियाल, क्षेपंस राकेश राणा, प्रमुख जाखणीधार सुनीता देवी, प्रमुख प्रतापनगर प्रदीप चंद रमोला, प्रमुख नरेंद्रनगर राजेंद्र भंडारी, थौलधार के पूर्व कनिष्ठ प्रमुख कुलदीप पंवार, तल्ला उप्पु के प्रधान नरेंद्र राणा, भिलंगना के ग्राम मयकोट के प्रधान वीर पाल सिंह को प्रशस्ति पत्र व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर स्व लखेड़ा के पुत्र अनिल लखेड़ा का शाल ओढ़ाकर कार्यक्रम में सम्मान किया गया। भूदेव लखेड़ा स्मृति के अध्यक्ष पूर्व ब्लॉक प्रमुख और पूर्व जिला पंचायत सदस्य जोत सिंह बिष्ट ने सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक सर्वपक्षीय मंच है। इसमें तीनों स्तर की पंचायतों में बेहतर कार्य करने वाले पंचायत प्रतिनिधि साथियों को जन सहयोग से सम्मानित किया जाता है।
आज के कार्यक्रम में हमारे विद्वान साथियों की तरफ से प्राप्त सुझावों के अनुरूप आगामी वर्ष से कार्यक्रम का विस्तार करते हुए इसमें पंचायत के अलावा निकाय में अच्छा काम करने वाले प्रतिनिधियों को भी चिन्हित करके सम्मानित किया जाएगा। साथ ही इस कार्यक्रम को प्रचार प्रसार करने में अपना योगदान देने वाले मीडिया के साथियों में से प्रतिवर्ष दो लोगों को सम्मानित किया जाएगा।
लंबे समय से भूदेव लखेड़ा स्मृति मंच के महासचिव का दायित्व निभा रहे पूर्व क्षेपंस शान्ति प्रसाद भट्ट ने कहा कि स्व भूदेव लखेड़ा ने जवानी के दिनों में राजशाही से मुक्ति के लिए संघर्ष किया और फिर आजाद भारत में टिहरी के विकास एवं पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त करने के लिए जीवन पर्यन्त काम किया। उनकी एक बात जो अच्छी तरह याद है, उन्होंने युवा पीढ़ी को अपने अनुभव बांट कर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।