बाइक को बचाने में पलटा लोडर, तीस मजदूर घायल

उरई। मजदूरों से भरी तेज रफ्तार लोडर अचानक गड्ढा व बाइक आ जाने से अनियंत्रित होकर खंदक में पलट गया। जिससे उसमें सवार करीब तीस लोग घायल हो गए। हादसे से चीख पुकार मच गई। जानकारी पर आटा व चुर्खी पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को दूसो लोडर व एबुंलेस से मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। जहां दो की हालत गंभीर बनी हुई है। एक साथ तीस घायलों के पहुंच जाने से मेडिकल कालेज में भी अफरा तफरी मच गई।

कालपी कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला निकासा व नई बस्ती से करीब तीस मजदूर गुरुवार सुबह मटर तोड़ने आटा थाना क्षेत्र के अटरिया गांव गए थे। जहां से सभी शाम को लोडर पर सवार होकर कालपी लौट रहे थे। जैसे ही लोडर चुर्खी व आटा थाना की सीमा के पास नूरपुर गांव के करीब पहुंची कि अचानक सड़क पर गड्ढा आ गया। गड्ढा बचाकर जैसी ही लोडर आगे बढ़ा तो बाइक आते देखकर चालक अपना संतुलन खो बैठा और लोडर खंदक में पलट गया।
हादसे में कालपी के नई बस्ती निवासी गुल्लो (50), राधा (12), पि्रंसी (18), पुष्पा (40), अर्पित (15), मोहल्ला निकासा निवासी रानी (65), हिना (18), बेबी (50) बिसमिल्ला (62) भूरी (38), चंदा (32), नेहा (17) लक्ष्मी (25) किशनलाल (42) मीरा (35), महावीर (47) सहित करीब तीस लोग घायल हो गए। सूचना पर आटा व चुर्खी पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को लोडर से निकलवाकर मेडिकल कालेज भिजवाया। जहां अर्पित व महावीर की हालत गंभीर बनी हुई है। एसपी डॉ. ईरज राजा का कहना है कि जानकारी पर आटा व चुर्खी थाना पुलिस मौके पर पहुंची थी। सभी को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। जहां सभी का इलाज चल रहा है।

मेडिकल कालेज में मची खलबली
घटना के बाद जैसे ही सभी घायल मेडिकल कालेज पहुंचे तो वहां अफरा तफरी मच गई। स्ट्रेचर न मिलने पर लोग अपने मरीजों को रोते बिखलते हुए हाथों में लेकर पहुंच रहे थे। कुछ मरीज जमीन पर लेटे थे। जहां वह इलाज की गुहार लगा रहे थे। कुछ मरीजों को बैड नहीं मिले तो डॉक्टरों ने उनका नीचे ही इलाज शुरू कर दिया। एक साथ तीस मरीजों को देखकर अस्पताल स्टॉफ भी परेशान हो गया। सूचना पर सीएमएस डॉ. प्रशांत निरंजन मौके पर पहुंचे और उन्होंने व्यवस्थाओं को संभाला।

कार्रवाई न होने से मालवाहक वाहन में भरकर ले जाते मजदूर
पिछले दो माह से अधिक समय से लोग कालपी से क्षेत्र में मटर तोड़ने आ रहे हैं, लेकिन इस पर एआरटीओ की नजर नहीं पड़ी। कार्रवाई न होने से चालक क्षमता से अधिक सवारियों को भरकर प्रतिदिन आ रहे थे। जिससे इतना बड़ा हादसा हो गया। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते इन वाहन चालकों पर कार्रवाई हो जाती तो शायद इतना बड़ा हादसा न होता।

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