हमीरपुर : कोरोना काल (2022) में आक्सीजन की कमी के चलते तत्कालीन सीएमओ ने जिले में आक्सीजन की पूर्ति के लिए शासन से प्लाट की मांग की थी। जोकि अब दो वर्षों के बाद यह प्लांट मुख्यालय पहुंचा। लखनऊ से आने में इसे 730 दिनों का समय लग गया। वहीं इस समय अंतराल में इसकी उपलब्धता भी नहीं रही। लेकिन अब जब यह प्लांट शासन के द्वारा भेज दिया गया है तो इसे लगाने के लिए आनन फानन जमीन चिह्नित की गई। वहीं इसे रिसीव (अपनाने) करने में अस्पताल प्रशासन को 36 घंटे लग गए।
मरीजों की सुविधा के लिए उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लखनऊ से 900 लीटर क्षमता व साठ लाख कीमत का आक्सीजन प्लांट बीते तीन दिन पूर्व बिना किसी सूचना के भेज दिय गया। किसी को जानकारी न होने के चलते कंपनी के कर्मचारियों ने इसे अस्पताल परिसर के एक किनारे उतारकर चले गए। यहा लावारिस हालत में 36 घंटे पड़ा रहा। प्लांट लेकर आए कंपनी के कर्मचारी पंकज कुमार ने बताया कि सीएमओ ने इसे रिसीव नहीं किया तो हम लोगों ने जबरन उतार दिया है। अब इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की है। सीएमओ डा. गीतम सिंह का कहना है कि दो वर्ष पूर्व तत्कालीन सीएमओ को शासनादेश मिला था कि इस प्लांट को स्थापित करना है। बीते बुधवार तक कोई नया आदेश न मिलने के कारण इसे रोका गया था। हालांकि लखनऊ बात करने पर स्थिति स्पष्ट हो गई है। वहीं गुरुवार को जिला अस्पताल के प्रबंधक विवेक राजधर ने बताया कि कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद इस प्लांट को रिसीव कर सुरक्षित स्थान पर रखवा दिया गया है। साथ ही इसकी स्थापना के लिए सीएमओ कार्यालय के पास बने रैन बसेरे के पास स्थापित करने के लिए जगह भी चिह्नित कर ली गई है। जल्द ही इसे लगवा दिया जाएगा ताकि मरीजों को कभी आक्सीजन की कमी न हो सके।