35 वर्षों से चल रहा मुकदमा सुलह समझौते से हुआ समाप्त

दो राष्ट्रों की समस्या सहमति से सुलझ सकती है तो आपका क्यों नहीं: डॉ सुभाषिनी

बलिया। आपसी सहमति से समाज एवं परिवार के विचार विमर्श से बड़े से बड़े समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है। यह उद्गार किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य डॉक्टर सिंहासनी तिवारी ने स्थानीय थाने पर आयोजित पारिवारिक वाद विवाद सुलह समझौते के दौरान कही। उन्होंने कहा कि आपसी सुलह समझौते से दो राष्ट्रों की समस्या आपसी सहमति से सुलझ जाती है। गांव एवं शहर के प्रत्येक नागरिक को अपने बहुमूल्य समय को बेवजह के दौड़- धूप करने में न लगाकर हर काम को सहमति से करनी चाहिए।
ज्ञात हो कि पुलिस अधीक्षक बलिया के निर्देश पर जनपद के प्रत्येक थानों में आपसी सुलह समझौते की कार्यवाही चल रही है, जिसमें प्रत्येक थानों पर दो काउंसलर, एक पुरुष तथा दूसरा महिला सामाजिक सेवा के रूप में विवादों के निपटारे के लिए नियुक्त किए गए हैं। इसी क्रम में स्थानीय थाने पर विगत 35 वर्षों से तीन भाई मुकदमे एवं न्यायालय की चक्कर काट रहे थे। जिन्हें स्थानीय थाने पर सुलह समझौते कराकर मुकदमे आपसी सहमति से वापस करा लिए गए। इस कार्यवाही को नायब तहसीलदार सदर अपनी आंखों से देखें। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन के द्वारा शुरू किया गया यह कार्य भविष्य में न्यायालय एवं थानो पर मुकदमों की संख्या में कमी करेगा तथा अनावश्यक बोझ से मुक्ति मिलेगी। तीन भाई विनोद प्रसाद, श्रीनिवास प्रसाद, घनश्याम प्रसाद पुत्र गण स्वर्गीय भैरव दयाल प्रसाद टेकार मोहन छपरा गांव के निवासी थे। आपस में तीनों भाई जूझते हुए 35 वर्षों से बलिया सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर कर नित्य कोर्ट की चक्कर लगा रहे थे। इसके अलावा क्षेत्र की दो महिलाएं जो अपने परिवारों से तीन वर्षों से बिछड़ी थी, उन्हें भी सुलह समझौते करा कर आपस में सहमति बनाकर उनके घरों को बसाया गया। जिसकी प्रशंसा पूरे क्षेत्र में हो रही है। इस अवसर पर थाना अध्यक्ष अजय कुमार त्रिपाठी, उप निरीक्षक मोतीलाल एवं विश्वजीत सिंह उपस्थित थे।

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